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इन दो वजहों से कोरोना की चपेट में ज्यादा आ रहे युवा, वैक्सीन लगने के बाद बदलेगी सूरत   

Updated Apr 21, 2021 | 09:19 IST

Covid-19 status in India : भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत गत 16 जनवरी से शुरू हुई। टीकाकरण के इस पहले चरण में 60 साल से ऊपर व्यक्तियों को टीका लगना शुरू हुआ।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
कोरोना की चपेट में ज्यादा आ रहा युवा वर्ग।
मुख्य बातें
  • देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में युवा ज्यादा चपटे में आ रहे हैं
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञ युवाओं के चपेट में आने के पीछे दो बड़ी वजहें मान रहे हैं
  • सरकार का कहना है कि जुलाई तक उसके पास पर्याप्त टीके मौजूद होंगे

नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर ने देश में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित दर्जन भर राज्यों में यह महामारी बेकाबू हो गई है। दिल्ली में छह दिनों का लॉकडाउन लागू है तो महाराष्ट्र में धारा-144 लगी है। कोविड-19 की दूसरी लहर में जो लोग संक्रमित हो रहे हैं उनमें युवाओं की एक बड़ी तादाद है। कोविड-19 की पहली लहर में संक्रमित होने वाले लोगों में ज्यादातर बुजुर्ग थे लेकिन इस बार मामला अलग हो गया है। युवाओं के इस महामारी के गिरफ्त में आने की दो बड़ी वजह बताई जा रही है।

45 साल के ऊपर व्यक्तियों को लगा टीका
भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत गत 16 जनवरी से शुरू हुई। टीकाकरण के इस पहले चरण में 60 साल से ऊपर व्यक्तियों को टीका लगना शुरू हुआ। इसके बाद टीकाकरण के दूसरे चरण में 45 साल से ऊपर के व्यक्तियों को टीका लग रहा है। इन दोनों चरणों में जोखिम वाले आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाकर उन्हें सुरक्षित दायरे में लाया गया है। टीका लगने से इस आयु वर्ग के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है और ये इस महामारी की चपेट में कम आ रहे हैं। जबकि 18 से 45 साल का युवा वर्ग अभी टीकाकरण के दायरे से बाहर है। सरकार ने एक मई से 18 साल के ऊपर व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन लगाने की बात कही है। 

सबसे ज्यादा घर से बाहर निकलता है यह वर्ग
18 से 45 साल के उम्र वाले लोग कामकाज के लिए घरों से सबसे ज्यादा बाहर निकलते हैं। ये यात्रा करते हैं, सार्वजनिक जगहों पर लोगों से मिलते-जुलते हैं। बाहरी वातावरण में इनका समय ज्यादा गुजरता है। इसलिए इन पर संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। कोरोना की दूसरी लहर में यह बात देखने को मिल रही है। टीकाकरण के चलते 45 साल के ऊपर के लोग कोरोना से एक तरह से सुरक्षित हो गए हैं। युवा वर्ग टीके से दूर है। टीका लग जाने के बाद युवा वर्ग भी इस महामारी की चपेट में कम आएगा। टीकाकरण अभियान को और तेज करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। बताया जा रहा है कि जुलाई तक भारत के पर्याप्त टीके उपलब्ध हो जाएंगे। 

जल्द उपलब्ध होगा स्पूतनिक-V टीका
देश में टीके पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों इसके लिए सरकार ने मॉडर्ना, फाइजर जैसी विदेशी टीका कंपनियों को भारत में उत्पादन शुरू करने का न्योता दिया है। इसके अलावा रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V टीकाकरण के लिए जल्द उपलब्ध होगी। देश में स्पूतनिक वी को लॉन्च करने की जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटीज को मिली है। यह कंपनी देश में इसका क्लीनिकल ट्रायल भी कर रही है। पीएम मोदी ने टीका निर्माताओं से अपनी उत्पादन क्षमता में लगातार वृद्धि करने की अपील की है ताकि कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाया जा सके।

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