किसानों के प्रदर्शन पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि कृषि सुधार से जुड़े इतने बड़े कदम पर सरकार ने किसानों से बातचीत किए बैगर ये कानून बनाए। सिंघु बार्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले 20 दिन में 20 किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। अगर उनके आंदोलन को देखा जाए तो पूरे देश में जो संदेश पहुंचना चाहिए था वो धीरे धीरे पहुंच रहा है। किसान अपनी बात को उचित जगह पर रखने में कामयाब रहे हैं।
सिंघु बार्डर पर किसान संगठनों ने कहा कि वो अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। उनकी स्पष्ट मांग है कि सरकार सबसे पहले कृषि कानूनों को वापस ले उसके बाद ही बातचीत का अर्थ है। किसान संगठनों ने कहा कि पिछले 20 दिन के आंदोलन को अगर देखें तो एक बात साफ है कि देश भर में वो अपनी बातों को पहुंचाने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही कहा कि बुधवार को चिल्ला बार्डर जाम करेंगे। इसके साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार असली किसान संगठनों से बातचीत करेगी। इसके साथ एक बार फिर उन्होंने दोहराया कि बातचीत के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंगलवार को किसान उनसे मिले और कहा कि वो लोग तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वे बिल और सरकार के साथ हैं। चूंकि कुछ किसान गलत धारणा फैला रहे हैं इसलिए उन्हें भी गुमराह किया गया। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बिलों का स्पष्ट समर्थन किया। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने कहा कि वो जिला मुख्यालयों पर किसानों के भ्रम को दूर करेंगे।