Bharat Bandh Today: कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके एवं टीआरएस सहित करीब 18 पार्टियां ने बंद का अपना समर्थन दिया है। सीटू, एटक एवं हिंद मजदूर सभा सहित 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन किसानों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर कर सकते हैं। किसानों का 'रास्ता रोको' और 'रेल रोको' आंदोलन से आम जनजीवन पर असर पड़ सकता है। किसानों को आशंका है कि इन विधेयकों के लागू हो जाने के बाद फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो सकता है।
भारत में शुक्रवार को पूरे देश में संसद के मानसून सत्र में पारित कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किए। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने देश में प्रदर्शन की अगुवाई की, वहीं अन्य राज्य दोनों राज्यों के जोश के सामने फीके दिखे। वास्तव में कर्नाटक में किसानों के प्रदर्शन को ठंडी प्रतिक्रिया मिली। दिल्ली और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पुलिस और अर्धसैनिक बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थे।
पश्चिम बंगाल में वाम दलों से जुड़े किसान संगठनों के सदस्यों ने कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग लेकर शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन किया। माकपा के किसान मोर्चे 'सारा भारत कृषक सभा' और भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक तथा आरएसपी जैसे वाम साझेदारों से जुड़े किसान संगठनों ने कई जिलों में रैलियां निकालीं और कुछ देर के लिये सड़कें भी जाम कीं।