नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों को राजधानी में प्रवेश करने की इजाजत तो मिल गई है लेकिन कुछ मांगों को लेकर किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर ही डटे रहने का फैसला किया है। किसान नेताओं ने बैठक कर कहीं और जाने का फैसला नहीं किया है। वहीं लगभग 400 किसान उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में एकत्रित हुए हैं, जहां सरकार ने उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से आए हैं, जबकि कुछ मध्य प्रदेश और राजस्थान के भी हैं। ये किसान ट्रकों और ट्रैक्टरों से यहां पहुंचे। यहां जानिए किसान आंदोलन से जुड़ा हर ताजा अपडेट:
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कहा, 'पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से आग्रह किया है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री की बात पर गौर करें और एक निर्धारित स्थान पर शिफ्ट होने की उनकी अपील स्वीकार कर लें, इस प्रकार उनके मुद्दों को हल करने के लिए प्रारंभिक वार्ता का मार्ग प्रशस्त होगा।'
गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी मैदान पर शिफ्ट होने की अपील की है। ऐसा करने पर उन्होंने किसानों से 3 दिसंबर से पहले ही बातचीत करने को कहा है। इस पर सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष, जगजीत सिंह ने कहा है कि अमित शाह जी ने एक शर्त पर जल्दी मिलने की बात की है, यह अच्छा नहीं है। उन्हें बिना किसी शर्त के खुले दिल से बातचीत की पेशकश करनी चाहिए। हम अपनी प्रतिक्रिया तय करने के लिए कल सुबह बैठक करेंगे।'