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Farmers Protest :चौथे दौर की वार्ता को किसानों ने बताया अपनी जीत,आगे की रणनीति शुक्रवार को करेंगे तय

Updated Dec 03, 2020 | 11:21 PM IST

Farmers Protest at Delhi Border: नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा एवं पंजाब के किसानों का आंदोलन गुरुवार को सांतवें दिन में प्रवेश कर गया। गत एक जून को किसानों के 35 प्रतिनिधिमंडलों की सरकार के साथ बातचीत हुई लेकिन इस बैठक में समस्या का हल नहीं निकल सका। इस बैठक के बाद सरकार की तरफ से शामिल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत 'अच्छी' हुई है।

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तस्वीर साभार:  ANI
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन।

किसानों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को पहले अपने कानूनों को वापस लेना चाहिए और उन्हें समिति बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। दिल्ली की तीन सीमा-टिकरी, सिंघु और गाजीपुर पर जमे हजारों किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें स्वीकर नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के प्रतिनिधिमंडलों और सरकार के साथ  गुरुवार को फिर बातचीत हुई। लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला। अब पांच दिसंबर को पांचवें दौर की बातचीत होगी।

Dec 03, 2020  |  11:21 PM (IST)
'या तो सरकार कानून हटा दे या हमें हटा दे'

किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत में सरकार ने 3 केंद्रीय कृषि अधिनियमों में कुछ संशोधनों पर विचार करने की पेशकश की है। लेकिन हम लोगों का पक्ष यह है कि या तो मौजूदा कृषि कानून को हटा दे या विरोध करने वाले किसानों पर बल का उपयोग करके हटा दे। अब इस विषय पर अगले दौर की बातचीत पांच दिसंबर को होनी है, उससे पहले किसान संगठन आगे की चर्चा के लिए सिंघू बॉर्डर पर बैठक करेंगे। 

Dec 03, 2020  |  09:39 PM (IST)
शुक्रवार को आगे की रणनीति पर मंथन

 विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई। आज की मीटिंग में किसान नेताओं ने 3 कृषि कानूनों की सभी खामियों को गिनवाया, केंद्र सरकार के पास किसान नेताओं के सवालों का कोई जवाब नहीं था। उसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया और किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून बनवाने की माँगों पर अडिग रहे। शुक्रवार सुबह 11 बजे सभी किसान नेताओं की बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। 5 दिसंबर को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 2 बजे अगले दौर की बातचीत होगी।

Dec 03, 2020  |  09:07 PM (IST)
चौथे दौर की बैठक के बाद किसान नेताओं ने क्या कहा

किसान नेता आज की बैठक को जीत के रूप में ले रहे हैं। उनका कहना है कि चूंकि सरकार ने आज तीनों कृषि कानूनों में कई संशोधन प्रस्तावित किए हैं, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि सरकार कानून बनाएगी और निरस्त करेगी।साथ ही, सरकार इस बात पर सहमत हो गई है कि आज किसानों द्वारा उठाए गए नौ बिंदुओं में से दो वास्तविक हैं। कल के बाद फिर से मिलने के लिए सहमत किसानों के लिए ये कारण हैं।कल की बैठक में, 40 किसान नेता, जो आज की बैठक में शामिल हुए, अन्य नेताओं को जानकारी देंगे और इसके बाद एक योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

Dec 03, 2020  |  07:53 PM (IST)
करीब 8 घंटे तक चली चौथे दौर की बैठक

करीब 8 घंटे तक विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत चली। लेकिन इस बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पांच दिसंबर को दोपहर 2 बजे से एक बार फिर पांचवें दौर की बातचीत शुरू होगी। उन्होंने कहा कि किसानों से अपील करते हुए कहा कि जब बातचीत चल रही है तो खुद और दिल्ली वालों के हित में देखते हुए आंदोलन वापस ले लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को पराली को लेकर चिंता है। मंडियों को खत्म करने की जगह और मजबूत बनाएंगे। मंडी के बाहर पैन कार्ड से ट्रेड संभव हो सकेगा। 

Dec 03, 2020  |  07:21 PM (IST)
'एमएसपी में बदलाव का सवाल ही नहीं'

विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक जारी है। बैठक के दौरान किसान नेताओं के सवालों के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। इसे किसी भी रूप में छूने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि अन्नदाताओं के हित के खिलाफ फैसला नहीं लिया जा सकता है और ना ही लिया जाएगा। 

Dec 03, 2020  |  05:21 PM (IST)
गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश

आंदोलनकारी प्रदर्शनकारियों ने गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ आंदोलन चलता रहेगा। वो लोग सिर्फ अपने हक की मांग कर रहे हैं। सरकार से अतिरिक्ति कुछ भी नहीं चाहिए। केंद्र सरकार कागजी कार्रवाई में असल मुद्दे से ध्यान भटकाने में जुट गई है। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। ऐहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने एनएच 24 के एक तरफ से रास्ते को बंद कर रखा है। 
 

Dec 03, 2020  |  04:49 PM (IST)
किसान नेताओं ने खारिज किया MSP पर लिखित आश्‍वासन

किसानों ने एमएसपी पर लिखित आश्वासन को खारिज कर दिया। उन्‍होंने इसके लिए कानून में संशोधन की मांग की। किसानों का कहना है कि एमएसपी गारंटी पर कानून का होना जरूरी है। किसानों नेताओं ने 7 पेज का एक मसौदा भी तैयार किया है, जिसमें तीन कृषि कानूनों और इससे किसानों पर होने वाले असर का विस्‍तृत जिक्र किया गया है। चर्चा नोट की फाइनल कॉपी लगभग 12 पेज की है, जिसे जिसे कृषि मंत्री को पेश किया जाना है। लंच के बाद किसानों और सरकार के बीच बातचीत एक बार फिर से शुरू हो गई है। लंच से पहले जहां किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी, वहीं अब सरकार अपनी बात रखेगी।

Dec 03, 2020  |  03:35 PM (IST)
देशव्यापी आंदोलन की दी चेतावनी

AIKSCC ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्‍यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्‍होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में प्रदर्शन कर रहे किसानों के दमन की आलोचना की और सभी गिरफ्तार नेताओं व कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। AIKSCC के राष्‍ट्रीय कार्यकारी समूह ने 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और अंबानी व अडाणी जैसे कॉरपोरेट्स का पुतला जलाने की बात भी कही। माना जा रहा है कि देशभर के 500 से अधिक स्‍थानों पर AIKSCC से जुड़े घटक इस आह्वान में शामिल होंगे।

Dec 03, 2020  |  02:41 PM (IST)
कांग्रेस की शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला का पत्र लिखा है। चौधरी ने शीतकालीन सत्र में किसानों के प्रदर्शन, कोविड-19 की स्थिति एवं उसके टीके, बेरोजगारी एवं आर्थिक मंदी पर चर्चा कराए जाने की मांग की है।

Dec 03, 2020  |  02:19 PM (IST)
मारे गए दो किसानों के परिवारों को वित्तीय मदद देगी पंजाब सरकार

पंजाब सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। मानसा जिले के बछोआना गांव के निवासी गुरजंत सिंह (60) की विरोध के दौरान दिल्ली के टिकरी बार्डर पर मौत हो गई थी और मोगा जिले के भिंडर खुर्द गांव के निवासी गुरबचन सिंह (80) की बुधवार को मोगा में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दोनों किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।

Dec 03, 2020  |  12:56 PM (IST)
विज्ञान भवन में किसानों के साथ बातचीत जारी
विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ कृषि मंत्री तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की बातचीत शुरू हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। आज किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता होने जा रही है और इस बैठक से सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद है। वहीं, गृह मंत्री से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत चल रही है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैंने अपने मुलाकात में गृह मंत्री से इस समस्या का हल निकालने का निवेदन किया है क्योंकि इस मसले से पंजाब की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
Dec 03, 2020  |  11:49 AM (IST)
MSP पर किसानों को लिखित में आश्वासन दे सकती है सरकार, कोर्ट जाने का विकल्प भी

सूत्रों की मानें तो किसानों का आंदोलन खत्म कराने के लिए सरकार उन्हें एमएसपी पर लिखित में आश्वासन दे सकती है। इसके अलावा विवाद की स्थिति में किसानों को सिविल कोर्ट जाने का विकल्प दिया जा सकता है। इससे कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित खेती पर विवाद होने की स्थिति में किसानों के पास अपनी शिकायत लेकर एडीएम/एसडीएम के अलावा कोर्ट के पास जाने का भी विकल्प होगा। सीमा पर किसानों के तेज होते प्रदर्शन को देकते हुए दिल्ली पुलिस ने कई मार्गों को बंद कर दिया है। 

Dec 03, 2020  |  11:33 AM (IST)
कृषि कानून वापस न लेने पर किसानों ने दी आंदोलन तेज करने की धमकी

नई कृषि नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का गुरुवार को आठवां दिन है और किसान नेताओं ने एक बार फिर अपनी मांगों को दोहराया है। वे केंद्र सरकार के साथ एक और दौर की बातचीत के लिए मिलेंगे। समन्वय समिति (संयुक्ता किसान मोर्चा) के दर्शनपाल सिंह समेत विभिन्न कृषि यूनियनों के नेता विज्ञान भवन के लिए सिंघु सीमा से रवाना हुए हैं, जहां वे केंद्रीय मंत्रियों - कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल समेत केंद्र के अन्य प्रतिनिधियों से मिलेंगे। दिल्ली-हरियाणा सीमा सिंघू पर सुबह की प्रार्थना के बाद विरोध शुरू हुआ। यहां बैरिकेडिंग के अलावा सुरक्षा का एक घेरा और बढ़ा दिया गया है। दर्शनपाल सिंह ने आईएएनएस से कहा, "हम अपने पहले के रुख पर कायम हैं कि तीनों 'काले कानून' वापस लिए जाएं और आज की बैठक में भी इस पर जोर दिया जाएगा। हमें लगता है कि सरकार अभी भी हमारी बात नहीं सुन रही है और ऐसे में उन पर अधिक दबाव डालने की जरूरत है। लिहाजा विरोध प्रदर्शन को बढ़ाने की जरूरत है।"

Dec 03, 2020  |  10:52 AM (IST)
बैठक के लिए घर से निकले तोमर
किसानों के साथ बैठक करने के लिए कृषि मंत्री अपने घर से निकल चुके हैं। किसानों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ उनकी आज दूसरे दौर की वार्ता होगी। इस बीच, किसानों ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। समझा जाता है कि आज की बैठक में सरकार किसानों को अपने भरोसे में लेकर आंदोलन खत्म कराने की कोशिश करेगी। पिछली बैठक में समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया।
Dec 03, 2020  |  10:50 AM (IST)
बैठक से पहले किसानों का रुख कड़ा

किसान संगठनों का कहना है कि उनकी मसौदा प्रस्ताव में कुछ नया नहीं है। इन्हीं मुद्दों को वे पहले भी उठा चुके हैं। उनकी मांगे हैं-कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। एमएसपी को कानून के रूप में अधिसूचित किया जाए। साथ ही किसानों की मांग बिजली अध्यादेश को वापस लेने की भी है। सरकार के साथ बैठक से पहले किसानों ने अपना रुख कड़ा कर लिया है।

Dec 03, 2020  |  09:34 AM (IST)
'जब तक पीएम बात नहीं करते, किसी बैठक में नहीं जाएंगे'
किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के संयुक्त सचिव एसएस सुभ्रान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की एकता तोड़ना चाहती है। हम सरकार की तरफ से बुलाई गई किसी भी बैठक में तब तक हिस्सा नहीं लेंगे जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के सभी 507 संघों के साथ बैठक नहीं करते। इस बीच, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षाबलों का भारी बंदोबस्त किया गया है। नए कृषि कानूनों पर किसानों का प्रतिनिधिमंडल आज केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात करने वाला है।
Dec 03, 2020  |  09:22 AM (IST)
 प्रदर्शनकारियों का आरोप, किसान एकता तोड़ना चाहती है सरकार 

प्रदर्शन कर रहे किसानों के नेताओं ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर सरकार से नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने और किसानों की एकता को भंग करने के लिए ‘विभाजनकारी एजेंडे में नहीं शामिल होने’की मांग की। यह पत्र नये कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र और किसान नेताओ के बीच होने वाली अगले दौर की वार्ता से एक दिन पहले आया है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चो को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने पत्र में कहा है, ‘हम सरकार से किसान आंदोलन के संबंध में किसी भी विभाजनकारी एजेंडे में शामिल नहीं होने की मांग करते हैं क्योंकि यह आंदोलन इस वक्त अपनी मांगों पर एकजुट है। यह कल की बैठक प्रक्रिया से स्पष्ट है।’

Chandrayaan 3