विज्ञान भवन में गुरुवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडलों एवं कृषि मंत्री के बीच करीब सात घंटे तक बैठक चली थी। बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा, 'बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। किसान नेताओं ने कृषि कानूनों पर अपनी आपत्तियां रखीं। जबकि सरकार ने अपना नजरिया रखा।' किसानों का आशंका है कि नए कृषि कानूनों के लागू हो जाने के बाद सरकार समर्थित मंडिया धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी।
किसानों के विरोध के कारण एनएच 24 पर गाजीपुर की सीमा गाजियाबाद से दिल्ली तक यातायात के लिए बंद है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे दिल्ली आने के लिए NH 24 से बचें और दिल्ली आने के लिए अप्सरा / भोपुरा / DND का उपयोग करें।
भारतीय किसान यूनियन (BKU-Lakhowal) के महासचिव, एचएस लखोवाल ने सिंघू बॉर्डर पर कहा कि गुरुवार को हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे। हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ दमनकारी नीति बर्दाश्त नहीं है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर को एक दिवसीय भारत बंद का आह्वान किया गया है। सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में कल वो हिस्सा लेंगे।