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Jagannath Puri Rath Yatra 2022: जगन्‍नाथ की रथ यात्रा में शामिल हुए श्रद्धालू, देश के अन्य हिस्सों में मनाया जा रहा है उत्सव

Updated Jul 01, 2022 | 05:59 PM IST

Jagannath Puri Rath Yatra 2022, Jai Jagannath Rath Yatra Telecast in Hindi: रथ यात्रा, जिसे भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथ उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, ओडिशा के पुरी शहर में सबसे प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार हर साल जून या जुलाई के महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है। इस वर्ष यह पर्व 1 जुलाई को पड़ रहा है।

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Jagannath Puri Rath Yatra 2022, Jai Jagannath Rath Yatra Telecast in Hindi: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए पांडी अनुष्ठान ओडिशा के पुरी में शुरू हो गया है। COVID महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। त्योहार पर अपेक्षित भीड़ को ध्यान में रखते हुए ओडिशा पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा में भगवान जगन्‍नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन भव्‍य रथों में सवार होकर निकलते हैं। हर साल भगवान जगन्नाथ 3 किलोमीटर लंबी यात्रा करके अपनी मौसी गुंडिचा के घर यानी कि गुंडिचा मंदिर जाते हैं। इसके बाद वे यहां 7 दिन तक विश्राम करते हैं और फिर दोबारा जगन्‍नाथ मंदिर लौटते हैं।

Jul 01, 2022  |  05:10 PM (IST)
खास दिन, खास उत्सव

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के अलावा चक्रराज सुदर्शन के विशालकाय रथों के साथ शुक्रवार को नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव आरंभ हो गया। इस दौरान लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरिबोल’ का उद्घोष किया।घंटे, ढोल, मंजीरे और नगाड़ों की ध्वनि से आकाश गूंज उठा तथा सिंहद्वार के आसपास एकत्र हुए देशभर से आए श्रद्धालुओं ने रथों पर सवार देव प्रतिमाओं के दर्शन किये। गौरतलब है कि गत दो साल महामारी के दौरान रथयात्रा उत्सव का आयोजन नहीं हो सका था।रथयात्रा के आयोजन के लिए जिला प्रशासन और ओडिशा पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर इस पर्व का आयोजन किया जाता है जिसमें भगवान जगन्नाथ और उनके भाई तथा बहन गुंडिचा मंदिर में नौ दिन के लिए ठहरते हैं।भगवान विष्णु को समर्पित 12वीं शताब्दी के मंदिर में तय समय से पहले सभी अनुष्ठान किये गए और इस दौरान सेवादारों के बीच उत्साह देखा गया।श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि देव प्रतिमाओं को गर्भगृह से रथ तक ले जाने का अनुष्ठान ‘पहंडी’ सुबह साढ़े नौ बजे होना था लेकिन वह सात बजे ही शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि मंगला आरती, अवकाश, शाकला धूप और मंगलार्पण भी तय समय से पहले किया गया।

Jul 01, 2022  |  04:05 PM (IST)
जानें- रथयात्रा की खासियत

रथ यात्रा उत्सव से पहले तीनों देवताओं में से प्रत्येक के लिए एक रथ या रथ बनाया जाता है। प्रत्येक रथ में मुख्य देवता के साथ नौ अन्य मूर्तियाँ भी विराजमान हैं। प्रत्येक रथ पर नौ ऋषियों को भी चित्रित किया गया है।लगभग 45 फीट ऊंचा विशाल रथ भगवान जगन्नाथ का लाल और पीला रथ है। इसे नंदीघोष कहा जाता है और इसे अकेले बनने में दो महीने लगते हैं।भगवान जगन्नाथ का रथ 18 पहियों पर चलता है, भगवान बलराम का रथ तलद्वाज 16 पहियों पर और देवी सुभद्रा का पद्मध्वज 14 पहियों पर चलता है।

Jul 01, 2022  |  03:01 PM (IST)
ममता करेंगी बंगाल में रथयात्रा का उद्घाटन
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, टीएमसी सांसद नुसरत जहां रूही और अन्य लोग कोलकाता के इस्कॉन मंदिर की आरती में शामिल हुए। सीएम जल्द ही यहां रथयात्रा का उद्घाटन करेंगी।
Jul 01, 2022  |  02:31 PM (IST)
बड़ी संख्या में उमड़े भक्त
जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लेने के लिए लाखों लोग पुरी, ओडिशा पहुंचे हैं तांकि वो भगवान के रथ को खींचकर पुण्य कमा सकें। बडी़ संख्या में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाबलों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
Jul 01, 2022  |  01:57 PM (IST)
इस समय तक दर्शन कर सकते हैं भक्त

श्रद्धालुओं ने करीब दो साल के बाद भगवान के इस स्वरूप के दर्शन किए क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से श्रद्धालुओं के एकत्रित होने पर पाबंदियां लागू थीं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा जारी समय सारिणी के अनुसार परिमाणिक (भुगतान) दर्शन सुबह आठ बजे से नौ बजे के बीच मंदिर खुलने के बाद हुए। इसके बाद सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई। एसजेटीए के मुताबिक आम श्रद्धालु उपराह्न दो से तीन बजे, फिर शाम को छह से साढ़े छह बजे, रात नौ से साढ़े 10 बजे और फिर देर रात साढ़े ग्यारह से रात साढ़े बारह बजे तक भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
 

Jul 01, 2022  |  01:03 PM (IST)
सुदर्शन पटनायक ने रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर पुरी समुद्र तट पर 125 रेत के रथ बनाए

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर, प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने गुरुवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 125 रेत रथ और भगवान जगन्नाथ की रेत की मूर्ति बनाई। पहले से ही 100 रेत रथ बनाने का रिकॉर्ड रखने वाले पटनायक अब पुरी समुद्र तट पर 125 रेत रथ बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में एक और रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पटनायक ने अपने रेत कला संस्थान के छात्रों के साथ इन मूर्तियों को पूरा करने में लगभग 14 घंटे का समय लिया।

Jul 01, 2022  |  12:35 PM (IST)
शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है शुरू

रथ यात्रा, जिसे भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथ उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, ओडिशा के पुरी शहर में सबसे प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार हर साल जून या जुलाई के महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होता है। इस वर्ष यह पर्व 1 जुलाई को पड़ रहा है। तीन रथों को हर साल वार्षिक रथ उत्सव से पहले एक नया बनाया जाता है।

Jul 01, 2022  |  12:12 PM (IST)
धर्मेंद्र प्रधान ने की सिंगल प्लास्टिक यूज को लेकर ये अपील
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के पुरी में रथयात्रा में भाग लेते हुए कहा, 'भारत सरकार ने आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे जन आंदोलन में बदलने के लिए हमें एक जागरूकता अभियान की जरूरत है। मैं नागरिकों से पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए इसका उपयोग करने से बचने की अपील करता हूं, जिसमें बहुत अधिक प्लास्टिक का उपयोग होता है।'
Jul 01, 2022  |  12:11 PM (IST)
कोविड की वजह से लगी हुई थी रोक

भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर, गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने एएनआई को बताया, 'परमेश्वर का सबसे बड़ा त्योहार रथ यात्रा है जो हर साल होती है। पिछले दो वर्षों से, महामारी के कारण भक्तों की भागीदारी पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इस साल अनुमति दी गई है ... आज भारी जनभागीदारी की उम्मीद है।'

Jul 01, 2022  |  12:09 PM (IST)
शुरू हुई यात्रा

जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में बड़ी धूमधाम से शुरू हो गई है। COVID महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। सुनील कुमार बंसल, डीजीपी ओडिशा ने बताया, 'यात्रा शुरू हो चुकी है, इसके लिए लाखों की संख्या में लोग जुटे हैं. भक्तों की अपने भगवान की पूजा करने की इच्छा को ध्यान में रखते हुए, यातायात, पार्किंग, भीड़ नियंत्रण और वीआईपी आंदोलन के लिए कई प्रावधान किए गए। पुलिस बल के लगभग 180 प्लाटून तैनात हैं'

Chandrayaan 3