अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी केस में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि उन्होंने फांसी लगाई थी। लेकिन अभी भी अहम सवाल यह है कि आनंद गिरी की उसमें भूमिका क्या है। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी से हो रही परेशानी का जिक्र किया है। लेकिन आरोपी आनंद गिरी खुद को पाक साफ बता रहा है, हालांकि मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसआईटी जांच भी जारी है।
महंत नरेंद्र गिरी को बाघंबरी मठ में भू-समाधि देने की प्रक्रिया संपन्न हुई। नींबू के पेड़ के पास उनकी इच्छा के मुताबिक भू-समाधि देने का काम विधि विधान से पर्दे के पीछे अंतिम क्रिया कर्म को पूरा कराया गया।
पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव शरीर को संगम ले जाया गया और गंगा में स्नान कराया गया। उस मौके पर यूपी सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे। गंगा स्नान के बाद उनके शव को बाघंबरी पीठ लाया जा रहा है जहां भू- समाधि दी जाएगी