लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानून वापसी बिल पास पास हो गया है। बिल हंगामे के बीच दोनों सदनों में पेश किया गया था। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर का इंतजार है। विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि कृषि कानून रद्द करना ये बताता है कि पीएम ने अपनी गलती मानी है और इसी गलती की वजह से आंदोलन शुरू हुआ था। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी कृषि कानून वापसी बिल ध्वनि मत से पास हो गया। अब ये बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। इस बिल पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में चर्चा की मांग की थी। लेकिन बिल को बिना चर्चा के मंजूरी दे दी गई। जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। चौधरी ने कहा, कि बिना चर्चा के कृषि कानून वापसी बिल पास कराना ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो विपक्ष को बोलने का मौका नहीं देती।
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सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि इतने सालों से मैं यहां हूं, मैं पहली बार इस तरह का माहौल देख रही हूं। बिल पूरी तरह से हंगामे के बीच पास हो गया। मुझे लगता है कि अब एक विशेष संसद संरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए। छोटी पार्टियों को बोलने का मौका नहीं मिलता। उन्हें लोगों के नुकसान, हड़तालों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बारे में बात करनी चाहिए थी। यह सरकार क्या कर रही है? हम कैसे खाएंगे? पानी प्रदूषित है, हवा प्रदूषित है, हम कैसे रहेंगे?।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक नुकसान के डर से सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है। देश में एक बड़ा समूह कह रहा है कि सीएए संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। हम मांग करते हैं कि केंद्र नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को निरस्त करे।