President Draupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं महामहिम बन गई हैं। सोमवार (25 जुलाई, 2022) को उन्हें सीजेआई एनवी रमण ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा- मैं प्रेसिडेंट बनी, यह लोकतंत्र की महानता है। भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। युवाओं और महिलाओं को मैं खास विश्वास दिलाती हूं। अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा दृढ़ संकल्प मजबूत रहा।
उन्होंने आगे बताया- भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है।
उनके मुताबिक, "मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी और कहा कि उनका देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को संभालना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है, खासकर गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए। मोदी ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा कि शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की उपलब्धियों पर जोर दिया और आगे के रास्ते को लेकर एक भविष्यवादी दृष्टिकोण पेश किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश ने आज गर्व से द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते देखा। उनका पदभार ग्रहण करना भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, खासकर गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए। मैं उन्हें उपयोगी राष्ट्रपति कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने आशा और करुणा का संदेश दिया।
कैसे महामहिम मुर्मू ने रच दिया इतिहास?
- देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति
- पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
- सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
- स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसमें देश के संविधान को ‘‘रौंदा गया’’, क्योंकि उन्होंने ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।’’ द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मुर्मू के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वतमान राष्ट्रपति अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़कर जा रहे हैं, जिसमें भारतीय संविधान को कई बार रौंदा गया। चाहे वह, अनुच्छेद 370, सीएए (संशोधित नगारिक कानून) को रद्द करना हो या अल्पसंख्यकों तथा दलितों को बेधड़क निशाना बनाना, उन्होंने भारतीय संविधान की कीमत पर भाजपा के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।’’ कोविंद का पांच साल का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो गया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और उनका शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में आज भारत के प्रधान न्यायाधीय एन वी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।” उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें यह नया दायित्व मिला है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है।’’