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President Draupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू बनीं 15वीं राष्ट्रपति, 'नमस्कार-जोहार' का जिक्र कर बोलीं- वंचित, गरीब, दलित पिछड़े और आदिवासी मुझ में देख रहे अपनी परछाई

Updated Jul 25, 2022 | 02:51 PM IST

President Draupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन गईं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के साथ साथ वह देश की कुल आबादी के साढ़े आठ फीसदी से कुछ ज्यादा आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन जनजाति की बात करें तो वह संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। भील और गोंड के बाद संथाल जनजाति की आबादी आदिवासियों में सबसे ज़्यादा है।

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तस्वीर साभार:  IANS
राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए द्रौपदी मुर्मू।

President Draupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं महामहिम बन गई हैं। सोमवार (25 जुलाई, 2022) को उन्हें सीजेआई एनवी रमण ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा- मैं प्रेसिडेंट बनी, यह लोकतंत्र की महानता है। भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। युवाओं और महिलाओं को मैं खास विश्वास दिलाती हूं। अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा दृढ़ संकल्प मजबूत रहा।

उन्होंने आगे बताया- भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है।

उनके मुताबिक, "मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी और कहा कि उनका देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को संभालना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है, खासकर गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए। मोदी ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा कि शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की उपलब्धियों पर जोर दिया और आगे के रास्ते को लेकर एक भविष्यवादी दृष्टिकोण पेश किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश ने आज गर्व से द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते देखा। उनका पदभार ग्रहण करना भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, खासकर गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए। मैं उन्हें उपयोगी राष्ट्रपति कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने आशा और करुणा का संदेश दिया।

कैसे महामहिम मुर्मू ने रच दिया इतिहास?
- देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति
- पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
- सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति
- स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति 

Jul 25, 2022  |  02:09 PM (IST)
कोविंद ने राष्ट्रपति के तौर पर भाजपा के राजनीतिक मकसद पूरे किए : महबूबा मुफ्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसमें देश के संविधान को ‘‘रौंदा गया’’, क्योंकि उन्होंने ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।’’ द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मुर्मू के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वतमान राष्ट्रपति अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़कर जा रहे हैं, जिसमें भारतीय संविधान को कई बार रौंदा गया। चाहे वह, अनुच्छेद 370, सीएए (संशोधित नगारिक कानून) को रद्द करना हो या अल्पसंख्यकों तथा दलितों को बेधड़क निशाना बनाना, उन्होंने भारतीय संविधान की कीमत पर भाजपा के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।’’ कोविंद का पांच साल का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो गया था।

Jul 25, 2022  |  01:31 PM (IST)
मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख और पूरे कर सकता है : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और उनका शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में आज भारत के प्रधान न्यायाधीय एन वी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।” उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें यह नया दायित्व मिला है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है।’’

Jul 25, 2022  |  01:29 PM (IST)
मेरा नाम द्रौपदी मेरे एक शिक्षक ने रखा था: मुर्मू

भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी का नाम महाकाव्य ‘महाभारत’ के एक चरित्र के नाम पर उनके स्कूल के एक शिक्षक ने रखा था। एक ओडिया वीडियो पत्रिका को कुछ समय पहले दिए एक साक्षात्मकार में मुर्मू ने बताया था कि उनका संथाली नाम ‘‘पुती’’ था, जिसे स्कूल में एक शिक्षक ने बदलकर द्रौपदी कर दिया था। मुर्मू ने पत्रिका से कहा था, ‘‘ द्रौपदी मेरा असली नाम नहीं था। मेरा यह नाम अन्य जिले के एक शिक्षक ने रखा था, जो मेरे पैतृक जिले मयूरभंज के नहीं थे।’’ उन्होंने बताया था कि आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के शिक्षक 1960 के दशक में बालासोर या कटक दौरे पर जाया करते थे। यह पूछे जाने पर कि उनका नाम द्रौपदी क्यों है उन्होंने कहा था, ‘ शिक्षक को मेरा पुराना नाम पसंद नहीं था और इसलिए बेहतरी के लिए उन्होंने इसे बदल दिया।’’ उन्होंने कहा कि उनका नाम ‘‘दुरपदी’’ से लेकर ‘‘दोर्पदी’’ तक कई बार बदला गया। मुर्मू ने बताया कि संथाली संस्कृति में नाम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक लड़की का जन्म होता है, तो उसे उसकी दादी का नाम दिया जाता है और लड़का जन्म लेता है तो उसका नाम दादा के नाम पर रखा जाता है।’’ द्रौपदी का स्कूल और कॉलेज में उपनाम टुडू था। उन्होंने एक बैंक अधिकारी श्याम चरण टुडू से शादी करने के बाद मुर्मू उपनाम अपना लिया था।

Jul 25, 2022  |  01:25 PM (IST)
शाह और नड्डा सहित शीर्ष भाजपा नेताओं ने मुर्मू को कार्यभार संभालने पर बधाई दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बहुत बधाई। भाजपा नेताओं ने उम्मीद जताई कि उनके मार्गदर्शन में देश नयी ऊंचाइयों को छुएगा और ‘‘न्यू इंडिया’’ और भी समृद्ध होगा। मुर्मू ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। शाह ने एक ट्वीट में कहा, “भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर द्रौपदी मुर्मू को बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि आपका कार्यकाल देश के गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगा।” उन्होंने कहा, “आज का यह ऐतिहासिक दिन लोकतांत्रिक मूल्यों पर चल रहे हर वर्ग के सशक्तिकरण और अंत्योदय का एक अप्रतिम उदाहरण है।” राजनाथ सिंह ने मुर्मू को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन भारतीय गणराज्य के इतिहास में यादगार है।
 

Jul 25, 2022  |  11:12 AM (IST)
मुर्मू और कोविंद ‘लिमोजीन' से संसद पहुंचे

निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी उत्तराधिकारी द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति की लिमोजीन (कार) में संसद भवन ले गए। कोविंद के साथ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति भवन की 31 भव्य सीढ़ियां उतरकर सलामी मंच पर पहुंचीं, जहां उन्होंने ‘प्रेसिडेंशियल सैल्यूट’ (सलामी) ली। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने राष्ट्रगान गाया, जिसके बाद दोनों को राष्ट्रपति की लिमोजीन में ले जाया गया, जो औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह के लिए राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के लिए रवाना हो गई। इसके साथ राष्ट्रपति के अंगरक्षकों का काफिला भी रवाना हुआ। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने संसद भवन की द्वार संख्या पांच की सीढ़ियों पर राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सलामी दी। इस दौरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति उनके साथ मौजूद थीं। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी उनके साथ मौजूद थे। इसे बाद वे संसद के ‘सेंट्रल हॉल’ गए, जहां ड्रम बजाकर उनका स्वागत किया गया, जो राष्ट्रपति के आगमन का संकेत देता है।
 

Jul 25, 2022  |  10:52 AM (IST)
विपक्ष के यशवंत सिन्हा को इस तरह दी मुर्मू ने मात

मुर्मू (64) ने देश की नई राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत हासिल किए थे। विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के खिलाफ उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की। निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने बताया कि उन्हें सिन्हा के 3,80,177 मतों के मुकाबले 6,76,803 मत हासिल हुए थे। केरल के एक विधायक को छोड़कर सभी विधायकों ने सिन्हा को वोट दिया जबकि मुर्मू को आंध्र प्रदेश से सभी मत मिले। वह स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं।

Jul 25, 2022  |  10:37 AM (IST)
राष्ट्रपति ने इस संयोग का किया जिक्र

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।

Jul 25, 2022  |  10:32 AM (IST)
'आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति'

उन्होंने कहा- भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।

Jul 25, 2022  |  10:31 AM (IST)
द्रौपदी मुर्मू ने इस चीज के साथ की संबोधन की शुरुआत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ के बाद संबोधन की शुरुआत जोहार से की। कहा- जोहार ! नमस्कार ! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं।आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
 

Jul 25, 2022  |  09:48 AM (IST)
CM नीतीश नहीं होंगे कार्यक्रम में शरीक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली में निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।

Jul 25, 2022  |  09:29 AM (IST)
मुर्मू से पहले और कौन-कौन रहा महामहिम?

रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि वर्ष 1977 से लगातार राष्ट्रपतियों ने इस तिथि (25 जुलाई) को शपथग्रहण की है। भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। 1952 में उन्होंने पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता। राजेंद्र प्रसाद ने दूसरा राष्ट्रपति चुनाव भी जीता और मई 1962 तक इस पद पर रहे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई, 1962 को राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वह 13 मई, 1967 तक इस पद पर रहे। दो राष्ट्रपति - जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद - अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि उनका निधन हो गया था। भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली। तब से 25 जुलाई को ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद ने इसी तिथि को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।

Jul 25, 2022  |  09:19 AM (IST)
मुर्मू ने रचा इतिहास, भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं

द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एकतरफा मुकाबले में हराने के साथ ही भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया। मुर्मू (64) ने देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत प्राप्त करने के बाद सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की। दस घंटे से अधिक समय तक चली मतगणना प्रक्रिया की समाप्ति के बाद, निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने मुर्मू को विजेता घोषित किया और कहा कि उन्हें सिन्हा के 3,80,177 मतों के मुकाबले 6,76,803 मत हासिल हुए। केरल के एक विधायक को छोड़कर सभी विधायकों ने सिन्हा को वोट दिया जबकि मुर्मू को आंध्र प्रदेश से सभी मत मिले। वह स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं। वह 25 जुलाई को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी।

Jul 25, 2022  |  08:58 AM (IST)
पारंपरिक संथाली साड़ी पहन कर शपथ ग्रहण कर सकती हैं मुर्मू

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेंगी और इस दौरान वह पारंपरिक संथाली साड़ी में नजर आ सकती हैं। मूर्मू की भाभी सुकरी टुडू पूर्वी भारत में संथाल समुदाय की महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली एक खास साड़ी लेकर दिल्ली आ रही हैं। सुकरी अपने पति तारिणीसेन टुडू के साथ संसद के केंद्रीय कक्ष में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो गयीं। सुकरी ने कहा, ‘‘मैं दीदी के लिए पारंपरिक संथाली साड़ी ला रही हूं और उम्मीद करती हूं कि वह शपथ ग्रहण समारोह के दौरान इसे पहनेंगी। मुझे अभी पता नहीं है कि वह असल में इस अवसर पर क्या पहनेंगी। राष्ट्रपति भवन नए राष्ट्रपति की पोशाक का फैसला लेगा।’’ संथाली साड़ियों के एक छोर में कुछ धारियों का काम होता है और संथाली समुदाय की महिलाएं इसे खास मौकों पर पहनती हैं। संथाली साड़ियों में लम्बाकार में एक समान धारियां होती हैं और दोनों छोरों पर एक जैसी डिजाइन होती है।

Jul 25, 2022  |  08:33 AM (IST)
नहीं जानते कि अब उन्हें अनौपचारिक रूप से संबोधित कर सकेंगे या नहीं: मुर्मू के मित्र

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने वाली हैं, इसबीच उनके पुराने घर के पड़ोसी और मित्र इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि अगली बार जब वे उनसे मिलेंगे तो अपने मित्र को कैसे संबोधित करेंगे। ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव के किसान रामचंद्र मुर्मू ने कहा,‘‘ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के गृहनगर में सभी को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि बातचीत के क्रम में मुझे ‘तू’ (अनौपचारिक संबोधन) का प्रयोग करना चाहिए या ‘आप’ (सम्मान के साथ औपचारिक संबोधन) का।’’ रामचंद्र, जो उपरबेड़ा के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में उनके सहपाठी थे, ने याद किया कि दोनों अक्सर स्कूल परिसर में एक ही थाली से खाना खाते थे। उन्होंने अपने खेत के काम से विराम लेते हुए कहा, ‘‘हम सभी ने एक साथ खेल गतिविधियों में भाग लिया। इन सभी वर्षों में मैंने उन्हें संबोधित करने के लिए ‘तू’ का इस्तेमाल किया है। चीजें अब बदल गई हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं भारत के पहले नागरिक के लिए ‘तू’ का उपयोग कर सकता हूं या नहीं। आखिर एक किसान और राष्ट्रपति के लिए चीजें समान कैसे हो सकती हैं।’’

Jul 25, 2022  |  08:32 AM (IST)
राष्ट्रपति-निर्वाचित द्रौपदी मुर्मू की सादगी उनकी सफलता की कुंजी है : मुर्मू के शिक्षक

राष्ट्रपति-निर्वाचित द्रौपदी मुर्मू सादगी में विश्वास करती हैं और वह हमेशा दूसरों की सहायता करती रहीं हैं। मुर्मू की शिक्षक और उनके मित्रों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुर्मू बदले में कुछ मांगे बिना जरूरतमंदों की मदद करती हैं। बचपन से ही उनसे जुड़े लोगों का मानना ​​​​है कि सादगी उनकी सफलता की कुंजी है। रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद के एक पार्षद से विधायक, मंत्री और राज्यपाल तक का सफर तय करने वालीं मुर्मू सोमवार को देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। उपरबेड़ा गांव में मुर्मू के उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बासुदेव बेहरा ने कहा कि भौतिकवादी आधिपत्य छोड़ना उनका एक अंतर्निहित गुण रहा। बेहरा ने एक घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘द्रौपदी के पिता बिरंच टुडू उपरबेड़ा गांव के प्रधान थे और परिवार गरीबी से जूझ रहा था। वह एक फ्रॉक में स्कूल आती थीं और उनके पास ज्योमेट्री बॉक्स नहीं होता था। स्कूल ने उन्हें ज्योमेट्री बॉक्स प्रदान किया था।’’

Jul 25, 2022  |  08:31 AM (IST)
मुर्मू को बधाई देने वाला होर्डिंग फटा मिला, मामला दर्ज

महाराष्ट्र के वसई शहर में रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुईं द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने वाला एक होर्डिंग फटा हुआ पाया,जिसके बाद पुलिस ने इस सिलसिले में एक मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पालघर जिले में वसई के मानिकपुर थाने में एक शिकायत दिये जाने पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मुर्मू की तस्वीर वाला होर्डिंग फटा हुआ पाया गया। अधिकारी ने कहा कि मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Chandrayaan 3