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BJP Defeat in Jharkhand Elections 2019:इन बिंदुओं में समझे कैसे 'झारखंड' में 'BJP' के हाथों से फिसल गई सत्ता

Updated Dec 23, 2019 | 22:46 IST

How BJP Lost in Jharkhand: अहम राज्य झारखंड की सत्ता बीजेपी के हाथों से निकल गई है और वहां पर हेमंत सोरेन के हाथों सत्ता की चाबी लगी है, कुछ कारण ऐसे रहे जिनके चलते बीजेपी ने ये राज्य गंवा दिया है।

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कुछ कारण ऐसे रहे जिनके चलते बीजेपी ने झारखंड राज्य गंवा दिया है

नई दिल्ली:  झारखंड की सत्ता की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है और सत्तारुढ़ बीजेपी ने राज्य की सत्ता को खो दिया है रघुबर दास ने अपना इस्तीफा गवर्नर को सौंप दिया है वहीं झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी अजेय नहीं है और सभी राजनीतिक दलों को उसके खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए।

राज्य की सत्ता खोने के बाद बीजेपी खेमे में मायूसी है वहीं कांग्रेस खेमे में इसके लेकर खुशी का माहौल है तो वहीं बीजेपी कार्यकर्ता चुनाव नतीजों से मायूस हैं। एक नजर डालने की कोशिश करते हैं कि क्या ऐसी वजहें रहीं जिनके चलते बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा-

  • बीजेपी को गैर आदिवासी को चेहरा बनाना गलत शायद फैसला रहा गौरतलब है कि झारखंड में आदिवासी वोट हमेशा से ही निर्णायक भूमिका में रहे हैं ये बीजेपी की हार की बड़ी वजह मानी जा रही है।
  • झारखंड के गठन के समय से ही बीजेपी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू) के बीच गठबंधन था। इन चुनावों में सीट बंटवारे के मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी और नतीजा सामने है।
  • बीजेपी के बागी नेता सरयू राय ने सीएम रघुबर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट से दिक्कत में डाला वहीं राज्य में पूरी बीजेपी पार्टी को भी खासा नुकसान पहुंचाने में भूमिका अदा की।
  • राज्य में प्रधानमंत्री मोदी की अपील को भी झारखंड के मतदाताओं ने अनसुना कर दिया और राज्य की सत्ता को एक आदिवासी हेमंत सोरेन के हाथों में सौंप दी।
  • बीजेपी की हार के पीछे विपक्ष का सशक्त गठबंधन रहा इसके पीछे की वजह इन दलों का तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस और आरजेडी एक साथ आना रहा।
  • झारखंड में जमीन अधिग्रहण कानून और टीनेंसी एक्ट से जुड़े कुछ फैसलों की वजह से भी बीजेपी को राज्य में सत्ता खोने के अहम कारणों में से एक रहे हैं।
  • हेमंत सोरेन आदिवासी समुदाय से ही आते हैं और उनके पिता शिबू सोरेन भी झारखंड के बड़े आदिवासी नेता हैं और राज्य के लिए बड़ा नाम रहे हैं जिसका फायदा हेमंत को मिला है।
  • कहा जा रहा है कि रघुबर दास को अपनों से भी भितरघात मिला है,नाराज तबके ने चुनाव में पार्टी विरोधी काम किए जिसका खामियाजा  बीजेपी को राज्य की सत्ता गंवाने के रुप में सामने आया है।

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