- पंकजा मुंडे ने अपने चचेरे भाई और NCP नेता धनंयज मुंडे से हार गईं
- पंकजा फडणवीस सरकार में ग्रामीण विकास, महिला और बाल कल्याण मंत्री थीं
- हार के बाद पंकजा ने कहा- मैं हार की जिम्मेदारी लेती हूं
मुंबई: महाराष्ट्र में एक बार फिर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सत्ता में वापसी हो रही है। गठबंधन को बहुमत मिल रहा है। लेकिन इसी बीच खबर आई है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रहीं पंकजा मुंडे चुनाव हार गई हैं। वो परली विधानसभा चुनाव से एनसीपी उम्मीदवार धनंजय पंडितराव मुंडे से हारी हैं। पंकजा ने अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय को 2014 के चुनावों में 25,000 मतों के अंतर से हराया था।
पंकजा मुंडे ने परली विधानसभा सीट पर अपनी हार स्वीकारते हुए कहा, 'मैंने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम किया। मैं हालांकि सरकार में शामिल थी लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र और लोगों के लिए मेरा संघर्ष जारी रहा। मैं हार की जिम्मेदारी लेती हूं।' चुनाव प्रचार के आखिरी दिन और परली में अपनी 5वीं रैली के दौरान मुंडे बोलते समय गिर गईं थीं।
देवेंद्र फडणवीस सरकार में ग्रामीण विकास और महिला, बाल विकास मंत्री के रूप में काम करने वाली पंकजा को भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग के चेहरे के रूप में देखा गया और वो अपने पिता की राजनीतिक विरासत की उत्तराधिकारी थीं। पंकजा मुंडे ने 2012 में भाजपा की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह 2009 में परली निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनी गईं।