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अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी की 'करप्शन केमिस्ट्री', 'लाल-काली' डायरी में भ्रष्टाचार का 'खेला' !

Updated Jul 28, 2022 | 20:28 IST

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। अर्पिता मुखर्जी के कई फ्लैट से रुपयों का अंबार निकल रहा है। इसी बीच इस घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री पद और टीएमसी के सभी पदों से हटा दिया है। जानिए अर्पिता की 'धन-लीला' किसके नाम से कितना मिला? 

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पश्चिम बंगाल में करोड़ों के करप्शन का सनसनीखेज किस्सा, फिलहाल टीचर भर्ती घोटाले में आज का अपडेट ये है कि सीएम ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद पार्टी से भी निलंबित कर दिया है। लंबी चुप्पी के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी नेता पर कार्रवाई का बैकग्राउंड क्या है? कैसे एक साइड हिरोइन और एक बड़े नेता ने मिलकर नौकरी के बदले काली कमाई की? कैसे चंद लोग मालामाल हो गए और शोनार बांग्ला कंगाल हो गया? हमारी इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में देखिए।

ईमानदारी से पाई-पाई की कमाई में खुद को खपा देने वाले हर हिंदुस्तानी के लिए नए-नए नोटों का ये अंबार और चमकते-दमकते जेवरात का भंडार किसी फिल्मी फसाने से कम नहीं है। हमें और आपको क्या? यकीन तो पार्थ की करीबी अर्पिता की पड़ोसी को भी नहीं हो रहा है। जिन्होंने सरकारी टीचर बनने के लिए जीतोड़ मेहनत की। वो आज भी सड़कों पर हैं..लेकिन जिन्होंने इन नोटों को लुटाकर सरकारी नौकरी लूट ली। वो आज मजे की जिंदगी काट रहे हैं? परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी के लिए मारे-मारे फिर रहे नौजवानों की दुख भरी दास्तान भी आपको दिखाएंगे लेकिन उससे पहले आपको पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के 2 ठिकानों से मिली दौलत का हिसाब बता देते हैं।

22 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के साउथ कोलकाता वाले फ्लैट से 21 करोड़ कैश बरामद हुआ था जबकि 27 जुलाई को बेलघोरिया वाले घर से 29 करोड़ नगदी बरामद हुई यानी अर्पिता के दोनों ठिकानों से अबतक करीब 50 करोड़ कैश बरामद हो चुका है। बड़ी बात ये कि अर्पिता के घर में कुबेर का खजाना था लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उसने करोड़ों के कैश को लेकर ईडी को जो बताया। उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे।

ईडी की हिरासत के दौरान अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी से पूछताछ के बाद 27 जुलाई को जब छापेमारी हुई तो बेलघोरिया के इस फ्लैट में इतना कैश मिला कि एक बार ईडी की टीम भी सन्न रह गई। सूत्रों के मुताबिक ताला तोड़ने के बाद ईडी की टीम अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट में दाखिल हुई और जैसे ही वार्डरोब और अलमारी खोली 2 हजार और पांच सौ रुपये के नोटों के बंडल बरसने लगे। नोट इतने थे कि गिनती के लिए SBI से चार बड़ी मशीनें मंगानी पड़ी..गिनती पूरी हुई तो इन्हें लोहे के 10 संदूकों में भरकर ट्रकों पर लाद कर ले जाना पड़ा।

आरोप है कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए का घोटोला हुआ। पैसों के बदले नौकरियां दी गईं। जब ये घोटाला हुआ, तब ममता बनर्जी की सरकार में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी थे। घोटाले की CBI जांच के दौरान अवैध लेन-देन का खुलासा हुआ तो ED की एंट्री हुई। बताया जाता है कि ED ने छापेमारी की तो पार्थ चटर्जी के घर से कई पर्चियां मिलीं। इन्हीं पर्चियों के जरिए अर्पिता मुखर्जी का सुराग हाथ लगा और जब ED की टीम ने अर्पिता के ठिकानों पर रेड मारी तो करोड़ों कैश, गोल्ड और प्रॉपर्टी के सबूत मिले।

टाइम्स नाउ नवभारत को भी अर्पिता मुखर्जी की एक प्रॉपर्टी के दस्तावेज हाथ लगे हैं। ये वही प्रॉपर्टी है। जहां बीते शुक्रवार को छापेमारी के दौरान ED को 21 करोड़ से ज्यादा कैश मिला था।  प्रॉपर्टी 75 लाख में खरीदी गई। इसकी रजिस्ट्री 'इच्छा एंटरटेनमेंट' के नाम है। जिसकी डायरेक्टर खुद अर्पिता मुखर्जी है। रजिस्ट्री के दौरान अर्पिता ने अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड भी जमा किए थे। ये प्रॉपर्टी 24 जनवरी 2022 को खरीदी गई।

सबसे अहम बात तो ये कि प्रॉपर्टी के ओरिजिनल पेपर पार्थ चटर्जी के घर से मिले और यहीं से ED को पार्थ और अर्पिता के कनेक्शन का पहला लिंक मिला। बताया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी ऐसी कई प्रॉपर्टी की मालकिन है। जबकि उसकी निजी कमाई बहुत कम थी। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि उसके पास इतने पैसे कहां से आए? ED को शक है कि पार्थ चटर्जी के पैसों से ही अर्पिता ने बेशुमार दौलत जुटाई।

कोलकाता से दिल्ली तक सुर्खियों में छाई अर्पिता मुखर्जी खुद को एक्ट्रेस बताती है। 2008 से 2014 के बीच अर्पिता ने बंगाली और ओडिया फिल्मों में साइड रोल किए हैं। अर्पिता मिडिल क्लास फैमिली से आती है और कोलकाता के बेलघोरिया में रहती है। उसने बांग्ला फिल्मों के एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ फिल्म 'मामा भगने' में काम किया है। इसके अलावा वो कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा उत्सव समिति की स्टार प्रचारक भी रह चुकी है। इस समिति से पार्थ चटर्जी भी जुड़े हुए हैं।

फिलहाल पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी ईडी के शिकंजे में हैं। कहा जा रहा है कि पूछताछ के दौरान उसने कई राज खोले हैं। अर्पिता के मुताबिक पार्थ चटर्जी ने उसके घर को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। पार्थ उसके घर पर हर 10 दिन में आते थे। वो खुद सारे पैसे पैक करके एक ही कमरे में रखते थे। अर्पिता ने बताया कि उस कमरे में पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही अंदर आते थे। पार्थ चटर्जी की इजाजत के बिना कोई भी उस कमरे में नहीं जाता था।

छापेमारी के दौरान अर्पिता के ठिकाने से एक काली डायरी मिलने की बात भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि अर्पिता के घर से मिली काली डायरी में घोटाले के कई अहम सुराग दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक इस काली डायरी में 4 महिलाओं और एक अधिकारी का नाम भी लिखा है। ED जल्द ही इन सभी को समन कर सकती है। ED जानना चाहती है कि इस नेक्सस से इन पांचों का क्या कनेक्शन है? क्या ये पांचों भी इस रैकेट का हिस्सा थे?

पता चला है कि 40 पन्नों की ब्लैक डायरी में पैसों के लेन-देन की बात है..इस डायरी में ये भी लिखा है कि मेरिट लिस्ट में किन-किन को लेना है? ऐसे कैंडिडेट के नाम भी हैं, जिन्हें परीक्षा में पास होने लायक नंबर भी नहीं मिले, लेकिन उनके नंबर बढ़ा कर उन्हें पास कराया गया। इसके अलावा किसने कितने रुपए दिए और कितना बकाया रखा है, ये सब भी दर्ज है। काली डायरी में एजेंटों के नाम भी लिखे हुए हैं, जिन्हें पैसा कलेक्ट करने के लिए भेजा जाता था। इसके अलावा कई बातें कोडवर्ड में लिखी गई हैं।

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सवाल-जवाब लगातार जारी है..कई राज खुल चुके हैं तो अभी बहुत सारे खुलासे होने बाकी हैं। आपको उन बेरोजगार लेकिन काबिल उम्मीदवारों की जुबानी भर्ती घोटाले की कहानी भी सुनाएंगे। लेकिन उससे पहले जानना ये भी जरूरी है कि ये पूरा स्कैम है क्या?

2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा ली थी। 2017 में जब इसका रिजल्ट आया तो इसमें सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप-20 में था। लेकिन SSC ने ये लिस्ट कैंसिल कर दी। इसके बाद बबीता से 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया। अंकिता मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। इसके खिलाफ बबीता और कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी और फिर कोर्ट ने सीबीआई जांच का ऑर्डर दिया।

इस घोटाले के खिलाफ पश्चिम बंगाल के वो कैंडिडेट बीते 501 दिनों से धरने पर बैठे हैं। जिन्होंने परीक्षा पास की। मेरिट लिस्ट में नाम आया लेकिन नौकरी नहीं मिली। क्योंकि टीचर तो वो बन गए। जिन्होंने ये हरे और गुलाबी नोट पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तक पहुंचाए।

पश्चिम बंगाल में हुए टीचर वैकेंसी स्कैम में आरोपियों से जांच एजेंसी की पूछताछ जारी है. इस बीच जांच एजेंसी ईडी (ED) के सूत्रों के मुताबिक जेल में ममता बनर्जी की सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और इस मामले में बरामद हुई अथाह और अकूल धन संपत्ति को सहेजने वाली अर्पिता मुखर्जी की रातें बड़ी मुश्किलों में बीत रही है। पार्थ जहां नींद की गोली खाकर अपना काम चला रहे हैं वहीं अर्पिता का ज्यादातर समय जेल में रोते हुए कट रहा है। इस बीच जेल में दोनों की लाइफ स्टाइल को लेकर ये बड़ी जानकारी सामने आ रही है।

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