- कांग्रेस विधायक ने गुवाहाटी में 'मिया मुस्लिमों' के लिए म्यूजियम बनाने की मांग की है
- असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि इस तरह का कोई म्यूजियम नहीं बनेगा
- सरमा का कहना है कि 'चार-चपोरी' में रहने वाले लोग ज्यादातर बांग्लादेश से आए हैं
गुवाहाटी : असम सरकार ने राज्य में मुस्लिमों की संस्कृति एवं एवं विरासत को दर्शाने के लिए गुवाहाटी में एक अलग 'मिया म्यूजियम'का निर्माण करने की कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद की मांग ठुकरा दी है। राज्य सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस विधायक की मांग ठुकराते हुए कहा है कि 'बांग्लादेश घुसपैठियों की संस्कृति दर्शाने वाले कोई संग्रहालय नहीं बनेगा।' सरमा का कहना है कि इस क्षेत्र में रहने वाले ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हुए हैं।
कांग्रेस विधायक ने कही है म्यूजियम बनाने की मांग
कांग्रेस विधायक अहमद ने राज्य के नदी तट के इलाकों 'चार-चपोरी' में रहने वाले लोगों की संस्कृति एवं विरासत को सहेजने के लिए गुवाहाटी में एक अलग से संग्रहालय बनाने की मांग राज्य सरकार से की है। इस इलाके में ज्यादातर 'मिया' समुदाय के लोग रहते हैं। 'मिया' नाम राज्य के बांग्लाभाषी मुस्लिमों का दिया हुआ है। बांग्लाभाषी मुस्लिम 'मिया' शब्द का इस्तेमाल बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों के लिए करते हैं।
चार अंचल की अलग से कोई पहचान नहीं-सरमा
सरमा ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'जहां तक मेरी जानकारी है, असम के चार अंचल की अलग से कोई पहचान अथवा संस्कृति नहीं है क्योंकि यहां रहने वाले ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हैं। जाहिर है कि श्रीमंता संकरदेवा कलाक्षेत्र में हम हम किसी तरह की छेड़छाड़ की अनुमति नहीं दे सकते।' बाघबार निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद 'चार चपोरी' में रहने वाले लोगों की संस्कृति संरक्षित करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने एक संग्रहालय का निर्माण करने के लिए राज्य के म्यूजियम निदेशक को एक पत्र लिखा है।
म्यूजियम शंकरदेव कलाक्षेत्र में बनाने की मांग
अपने पत्र कांग्रेस विधायक ने लिखा है, 'चार चोपरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जिन्हें आम तौर पर 'मिया' के रूप में जाना जाता है, उनके लिए मैंने सरकार से एक म्यूजियम बनाने का एक प्रस्ताव किया है। यह म्यूजियम शंकरदेव कलाक्षेत्र में बनना चाहिए। यह संग्रहालय मिया लोगों की संस्कृति एवं विरासत को प्रमुखता से दर्शाएगा।'