- जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर पीएम से मिले बिहार के नेता
- शिष्टमंडल में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित भाजपा, कांग्रेस के नेता शामिल
- मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा-पीएम ने हमारी बातों को ध्यान से सुना है
नई दिल्ली : जातिगत जनगणना की मांग पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव सहित बिहार के नेताओं की मुलाकात हुई। साउथ ब्लॉक में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी बातों को प्रधानमंत्री ने ध्यान से सुना। जातिगत जनगणना पर हमने विस्तार से अपनी बातें रखीं। प्रधानमंत्री ने जातिगत जनगणना कराने से इंकार नहीं किया है। हमने पीएम से इस पर विस्तार से विचार करने और उचित निर्णय लेने को कहा है।
जातिगत जनगणना पर अब पीएम के फैसले का इंतजार
राजद नेता तेजस्वी ने कहा, 'हमारा शिष्टमंडल आज प्रधानमंत्री से मिला। हमने केवल बिहार में नहीं बल्कि पूरे देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग रखी है। अब हमें इस पर प्रधानमंत्री के फैसले का इंतजार है।' नीतीश ने कहा, 'देश और बिहार के लोग जातिगत जनगणना पर एक राय रखते हैं। हम आभारी हैं कि प्रधानमंत्री ने हमारी बातों को ध्यान से सुना। अब उन्हें इस पर फैसला करना है।'
बिहार विधानसभा में दो बार पारित हो चुका है प्रस्ताव
इससे पहले मीडिया से बातचीत में राजद नेता ने कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। जातिगत जनगणना से जुड़ा आंकड़ा सामने आने पर जनकल्याणकारी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी से आज जो शिष्टमंडल मिला उसमें जेडीयू के विजय कुमार चौधरी, पूर्व सीएम जीतन राम माझी, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा, भाजपा नेता जनक राम, सीपीआई-एमएल के महबूब आलम, एआईएमआईएम के अक्तरूल इमामा, वीआईपी के मुकेश सहनी, सीपीआई के सूर्यकांत पासवान और सीपीएम के अजय कुमार शामिल हैं।
जातिगत जनगणना कराने से इंकार करती आई है केंद्र सरकार
जाति आधारित जनगणना कराने की मांग पर तेजस्वी यादव पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था। हालांकि, बिहार के इन नेताओं की यह मांग केद्र सरकार खारिज करती आई है। गत 20 जुलाई को लोकसभा में अपने एक लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने जाति आधारित जनगणना नहीं कराने का फैसला किया है।