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धाकड़ EXCLUSIVE: सीमांचल और बंगाल के जिलों को मिलाकर नया राज्य बनाने की साजिश

Updated Sep 30, 2021 | 21:05 IST

टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार सीमांचल के चार जिलों और बंगाल के दो जिलों को मिलाकर एक नया राज्य बनाने की साजिश हो रही है।

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मुख्य बातें
  • बिहार में विदेशी संगठन रच रहे हैं नापाक साजिश
  • बिहार और बंगाल के दो जिलों को मिलाकर नया राज्य बनाने की कोशिश
  • AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान बोले- बीजेपी इस मामले को राजनीतिक रूप देना चाहती हैं

नई दिल्ली: टाइम्स नाउ नवभारत के संवाददाता साकेत सिंह ने बिहार को लेकर एक बेहद बड़ा और हैरान करने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ सीमांचल के चार जिले  और पश्चिम बंगाल के दो जिलों को मिलाकर एक नया राज्य बनाने की साजिश हो रही है। बिहार के किशनगंज में विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संपर्क प्रमुख अशोक कुमार ने हैरान करने वाला खुलासा किया है। अशोक कुमार के मुताबिक सीमांचल के चार जिले अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जबकि पश्चिम बंगाल के दो जिले को मिलाकर विदेशी संगठन भारत से अलग करने की साजिश रच रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद की मांग

विश्व हिंदू परिषद के नेताओ ने विदेशी संगठनों के साजिश को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है। बंगाल के मालदा जिले से अलीपुरद्वार तक और बिहार के किशनगंज और अररिया को मिलाकर कुल 300 किलोमीटर का एक कॉरिडोर है। इस 300 किलोमीटर कॉरिडोर पर कई तरह के आपराधिक काम हो रहे हैं। 

उधर विश्व हिंदू परिषद के खुलासे पर AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टियां इस मामले को राजनीतिक रूप देना चाहती हैं। अख्तरुल ईमान ने कहा  कि केंद्र सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए। एक तरफ विश्व हिंदू परिषद का दावा है कि विदेशी ताकत अलग देश की साजिश रच रही हैं तो दूसरी तरफ असदुद्दीन औवेसी के विधायक BJP और उसके सहयोगी दलों पर ही सीमांचल में अशांति फैलाने और विवाद पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है।

2011 की जनगणना के आंकड़े

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 55 लाख बांग्लादेशी प्रवासी भारत में रह रहे हैं। वर्ष 2016 में सांसद किरन रिजिजू ने राज्यसभा में बयान दिया कि 2 करोड़ बांग्लादेशी प्रवासी अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। इसका नतीजा ये हुआ कि पूर्वोत्तर के राज्यों में मुस्लिम जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी। असम में 2001 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी करीब 31% थी जो 2011 की जनगणना में बढ़कर 35% को पार कर गयी। पश्चिम बंगाल में 2001 में 25% और 2011 में 27% हो गई। अब बात बिहार की करते हैं। बिहार में 2001 में मुस्लिम आबादी करीब 16% थी जो वर्ष 2011 में बढ़कर 17% से ज्यादा हो गई।
 

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