- नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान देखे गए आपत्तिजनक पोस्टर
- बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर शेयर किया एक स्क्रीनशॉट
- बीजेपी का आरोप-जेएनयू विरोध प्रदर्शन के दौरान देखा गया आपत्तिजनक पोस्टर
नई दिल्ली: नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली के जामिया और जेएनयू में भी इस संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कुछ जगहों पर 'फ्री कश्मीर' लिखे गए आपत्तिजनक पोस्टर भी देखे गए जिसे लेकर काफी आलोचना हुई। अब भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ऐसा ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने एक न्यूज चैनल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है और इसमें दिख रहा है कि एक शख्स 'बाटल हाउस फेक एनकाउंटर' लिखा हुआ पोस्टर पकड़ के खड़ा है।
भाजपा नेता ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा, 'कश्मीर फ्री' पोस्टर के बाद अब जेएनयू में 'छात्र विरोध', पोस्टर के दौरान इस्लामिक वर्चस्व कायम करने और बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी दिखाने का पोस्टर लगाया गया! क्या किसी को अभी भी संदेह है कि कौन इन विरोध प्रदर्शनों को प्रायोजित कर रहा है और किस राजनीतिक अंत को?'
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने किस पर निशाना साधा है, तो उन्होंने कहा, 'क्योंकि बहुत लंबे समय तक, दिल्ली, विशेष रूप से जामिया और जेएनयू के परिसरों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें मैंने इस्लामी विद्रोह के रूप में संदर्भित किया है। यह बेरोकटोक चल रहा है। यह एक प्रायोजित विरोध है। इसके पीछे स्पष्ट रूप से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का हाथ है। इन विरोध प्रदर्शनों में बार-बार जो नारे और पोस्टर देखे गए हैं वो इस्लामिक वर्चस्व को उजागर करते हैं। अब, आपके सामने एक पोस्टर है जो बटला हाउस एनकाउंटर को फेक कह रहा है।'
19 सितंबर, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में सात सदस्यीय दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। गोलीबारी के दौरान दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए, दो अन्य संदिग्ध दबोच लिए गए जबकि एक आरोपी भाग निकला। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि बाटला हाउस के फ्लैट में छिपे पांच लोग 13 सितंबर, 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में शामिल थे।