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CEAT tyres ad controversy: दिवाली से पहले नया संग्राम, विज्ञापन को लेकर निशाने पर क्‍यों आमिर खान? देखिये Logtantra

Updated Oct 22, 2021 | 20:28 IST

CEAT tyres ad Aamir Khan controversy: दिवाली से पहले एक विज्ञापन को लेकर सियासत गरमाती नजर आ रही है। बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। हालांकि लोगों को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आया। अब सवाल है कि इस विज्ञापन पर हंगामा आखिर क्‍यों बरपा है? देखिये 'लोगतंत्र':

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संयुक्‍त किसान मोर्चा (SKM) ने योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है, क्‍योंकि वह शोक जताने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर चले गए, जिसकी मौत भी यूपी के लखीमपुरी खीरी में हुई हिंसा के दौरान हुई थी। पंजाब के किसान संगठनों में इसे लेकर नाराजगी थी। इसे लेकर बहस छिड़ी है कि क्‍या योगेंद्र यादव का मृतक शुभम मिश्रा के घर संवेदना जताने के लिए जाना गुनाह हो गया? Time Now नवभारत के खास कार्यक्रम 'लोगतंत्र' में आज चर्चा मुंबई क्रूज ड्रग्‍स केस को लेकर भी हुई, जिसमें अब चंकी पांडे की बेटी अनन्‍या पांडे से भी NCB ने पूछताछ की है। NCB ने इस बारे में कहा कि अगर किसी को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो जरूरी नहीं कि वह आरोपी ही हो, गवाह के तौर पर भी लोगों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जाता है। लेकिन अनन्‍या पांडे को लेकर सवाल यह उठ रहा है कि अगर NCB ने अभिनेत्री को सिर्फ गवाह के तौर पर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया तो उनका लैपटॉप और मोबाइल फोन क्‍यों जब्‍त किया? चर्चा यूपी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी के बयान की भी हुई, जिसमें उन्‍होंने 'प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से पेट्रोल-डीजल की कीमत बहुत कम' बताई।

इन सबके बीच विमर्श उस विज्ञापन और इसे लेकर हो रही सियासत पर भी हुई। BJP के सांसद अनंत हेगड़े ने टायर कंपनी CEAT लिमिटेड के विज्ञापन पर ऐतराज जताया है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान लोगों को सड़कों पर पटाखे न चलाने की सलाह देते नजर आ रहे हैं। सांसद ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि कंपनी को 'नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध किए जाने और अजान के दौरान मस्जिदों से निकलने वाले शोर' से संबंधित समस्या के समाधान के लिए भी आगे आना चाहिए। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अनंत वर्धन गोयनका को लिखे पत्र में उन्‍होंने विज्ञापन को 'हिंदुओं में रोष' उत्पन्न करने वाला करार देते हुए इस पर संज्ञान लेने को कहा है। वहीं, इस बारे में जब आम लोगों से बात की गई तो उन्‍हें इस व‍िज्ञापन में न तो हिंदू-मुस्लिम वैमनस्‍य जैसा कुछ नजर आया और न ही उन्‍होंने इसमें कुछ भी गलत पाया। अब सवाल है कि आखिर वे कौन लोग हैं, जिनकी भावना आहत होने की बात हमारे नेता करते हैं। देखिये पूरी रिपोर्ट।

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