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Siddhu Resignation: सिद्धू को मनाने के प्रयास जारी, CM चन्नी ने फोन पर की बात, बोले-पार्टी सर्वोपरि

Updated Sep 29, 2021 | 14:27 IST

Charanjit Singh Channi speaks to Navjot Singh Siddhu : नाराज नवजोत सिद्धू को मनाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को फोन पर सिद्धू से बात की।

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मुख्य बातें
  • मंगलवार को पंजाब अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया
  • सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में संकट फिर गहरा गया है
  • सीएम चन्नी ने कहा कि उनकी फोन पर सिद्धू से बातचीत हुई है

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाला नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने के प्रयास जारी हैं। कांग्रेस ने सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सौंपी है। सीएम चन्नी ने बुधवार को कहा कि सिद्धू से उनकी फोन पर बातचीत हुई है और उन्होंने बातचीत से सभी मुद्दों का हल निकालने की बात कही है। बता दें कि सिद्धू ने मंगलवार को अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। चन्नी मंत्रिमंडल का हाल ही में विस्तार हुआ है और राज्य में अफसरों की नियुक्ति हुई है। बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों में सिद्धू की पसंद को नजरंदाज किया गया जिसकी वजह से उन्होंने नाराज होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।  

चन्नी ने बातचीत से मुद्दों को सुलझाने की पेशकश की

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चन्नी ने कहा, 'मेरी आज सिद्धू जी से फोन पर बातचीत हुई है। मैंने उनसे कहा कि पार्टी सर्वोपरि है और आपको आकर बात करनी चाहिए। अध्यक्ष पार्टी का प्रमुख होता है...वह सभी विषयों को पार्टी के समक्ष लाता है। पार्टी सबसे बड़ी चीज है...आप आइए बात करके सभी मुद्दों को सुलझाया जाए।' सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस एक बार फिर मुश्किल में आ गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू का टकराव का मामला किसी तरह शांत हुआ था कि त्यागपत्र के बाद पार्टी के लिए नया संकट उभरकर सामने आ गया है। 

मनीष तिवारी ने सिद्धू पर साधा निशाना

पंजाब में कांग्रेस संकट के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सिद्धू पर तंज कसा है। तिवारी ने कहा कि 'पंजाब में पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बहुत दुरगामी परिणाम होंगे। पंजाब की अस्थिरता पर यदि किसी को खुशी होगी तो वह पाकिस्तान है। पाकिस्तान को लगता है कि पंजाब में हालात यदि बिगड़ते हैं और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उन्हें अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए एक मौका और मिलेगा। अभी इस बात पर ध्यान नहीं होना चाहिए कि मेरे कहने पर कोई मंत्री, डीजीपी बना या नहीं।' 

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