- कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल 'कीर्ति चक्र' से अलंकृत हैं।
- अजय कोठियाल अविवाहित हैं।
- 'यूथ फाउंडेशन' नामक संस्था का संचालन करते हैं।
देहरादून: आम आदमी पार्टी (AAP) ने कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल को उत्तराखंड में आगामी चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज (17 अगस्त) उत्तराखंड पहुंचे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। उन्होंने उत्तराखंड को हिंदुओं के लिए ग्लोबल आध्यात्मिक राजधानी बनाने का भी संकल्प लिया।
फौजियों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश
केजरीवाल ने कहा कि बेहद गर्व और फख्र के साथ मैं आज यह ऐलान करना चाहता हूं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल होंगे। जुलाई में अपने पिछले उत्तराखंड दौरे में केजरीवाल ने कहा था कि अगली बार जब वह यहां आएंगे तो मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में घोषणा करेंगे। इस ऐलान से केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस के लिए एक चुनौती पेश कर दी है। कोठियाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर केजरीवाल ने फौजियों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया है।
अजय कोठियाल के बारे में जानिए
'कीर्ति चक्र' से अलंकृत कर्नल (रिटायर्ड) कोठियाल ने भारतीय सेना में गढ़वाल राइफल्स में 1992 में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन लिया था। उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य रह चुके कोठियाल को केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सराहा जाता है। कोठियाल अविवाहित हैं और 'यूथ फाउंडेशन' नामक संस्था का संचालन करते हैं।
सभी परिवारों को 300 यूनिट बिजली देने का वादा
अपने पिछले दौरे में केजरीवाल ने आप के सत्ता में आने पर सभी परिवारों को 300 यूनिट बिजली देने, पुराने बिजली के बिलों को माफ करने, प्रदेश में 24 घंटे बिजली की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणाएं की थीं। उन्होंने कहा था कि इसके लिए उन्होंने सारा हिसाब-किताब कर लिया है जिसके तहत उत्तराखंड के 50 हजार करोड़ रुपए के बजट में से उनकी घोषणाओं को पूरा करने के लिए 1200 करोड़ रुपयों की ही जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी उनकी सरकार ऐसी ही योजना चला रही है जहां 60 हजार करोड़ रुपए के बजट में से पूरी दिल्ली के लिए केवल 2200 करोड़ रुपयों की ही जरुरत पड़ती है।