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Sawal Public Ka: भारत को बंटा हुआ बताकर वोट लेगी कांग्रेस, मोदी विरोध में देश की निगेटिव ब्रैंडिंग क्यों?

Updated Sep 07, 2022 | 22:15 IST

Sawal Public Ka: लोकसभा 2024 से पहले कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की। कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर तक जाएगी। सवाल पब्लिक का है कि क्या भारत जोड़ो के नाम पर राहुल गांधी कांग्रेस की चुनावी हारों का ठीकरा देश पर फोड़ रहे हैं?

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Sawal Public Ka: 2024 के पहले कांग्रेस का सबसे बड़ा पॉलिटिकल इवेंट आज लॉन्च हो गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से भारत जोड़ो पैदल मार्च शुरू कर दिया है। लेकिन मोदी विरोध के इस मेगा कैम्पेन पर आज पब्लिक के सवाल उठ रहे हैं। राहुल गांधी इस यात्रा की ब्रांडिंग भारत जोड़ने से कर रहे हैं । इसे नफरत और डर के खिलाफ जोड़ने वाली यात्रा बताई गई है। लेकिन सवाल है कि मोदी विरोध में देश को बंटा हुआ क्यों बताया जा रहा है?

असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा का कहना है कि भारत तो जुड़ा हुआ है, भारत अगर टूटा था तो सिर्फ 1947 में टूटा था जिसके लिए जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार थे। सवाल पब्लिक का है कि क्या भारत जोड़ो के नाम पर राहुल गांधी कांग्रेस की चुनावी हारों का ठीकरा देश पर फोड़ रहे हैं? कांग्रेस छोड़ते वक्त वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि भारत जोड़ो नहीं, कांग्रेस जोड़ो की जरूरत है। क्या कांग्रेस में अध्यक्ष पद की उठापटक के बीच ये राहुल गांधी की एक और Relaunching है, जिसके लिए देश को मोहरा माना जा रहा है? सवाल पब्लिक का आज यही है।

कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर तक जाएगी। 3570 (पैंतीस सौ सत्तर) किलोमीटर की इस भारत जोड़ो यात्रा में राहुल समेत कांग्रेस के 117 (एक सौ सत्रह) नेता पैदल मार्च करेंगे। लेकिन राजनीतिक यात्रा के नाम पर आज देश की तुलना अंग्रेजी शासन में गुलामी के दौर से की गई। सुनिए आज राहुल गांधी ने अपने बयान में क्या कहा? राहुल गांधी के मुताबिक देश बंटा हुआ है। मुट्ठी भर बिजनेस घराने देश को कंट्रोल कर रहे हैं। 

हम आपको याद दिला दें, ये वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने इसी साल मई में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कहा था कि देश की स्थिति विस्फोटक है। BJP ने केरोसीन छिड़क रखा है। बस एक चिंगारी की जरूरत है। सवाल है कि राहुल गांधी बार-बार देश की खराब छवि क्यों दिखाते हैं?

जबकि IMF का आंकड़ा कहता है कि भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। महंगाई है जरूर लेकिन महंगाई का दबाव दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले कंट्रोल में दिख रहा है। भारत के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ वर्ल्ड बैंक करता है। देश की आतंरिक सुरक्षा कंट्रोल में दिख रही है। कोविड के बाद देश तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है। पिछली तिमाही के आंकड़े उत्साहित करने वाले हैं। 

लेकिन राहुल बार-बार कह रहे हैं कि भारत को जोड़ने की जरूरत है। इसी पर असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा है कि भारत तो पहले से जुड़ा है। उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को पाकिस्तान से जोड़ दिया। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को खुद कांग्रेस के भीतर की उठापटक सवालों के घेरे में रख रही है।

कांग्रेस नेता राजबब्बर ने आज ट्वीट किया कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए शुभकामनाएं। उम्मीद है कि ये प्रयास देश और कांग्रेस- दोनों को जोड़ने की दिशा में अहम साबित होगा। भारत में कई राजनीतिक यात्राओं का असर हुआ है। राजनीति में कुछ यात्राएं Turning Point साबित हुई हैं।

इन्हीं यात्राओं में से एक यात्रा है इंदिरा गांधी की। 1977 का चुनाव हारने के बाद इंदिरा गांधी ने बिहार के बेलछी गांव की यात्रा की थी। हाथी पर बैठकर इंदिरा वहां गई थीं। दलितों की हत्या के इस मुद्दे पर इंदिरा ने अपनी राजनीतिक साख को वापस पाने की शुरुआत की थी। जाहिर है कि राजनीति में वो मुद्दे उठाने होते हैं, जिनसे देश खुद को जुड़ा हुआ महसूस करे। लेकिन क्या राहुल गांधी या आज का कोई और विपक्षी नेता वाकई जनता के मुद्दे उठा रहा है?

देखिए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का ये वीडियो। वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक लीगल नोटिस को फाड़ रहे हैं। ये लीगल नोटिस दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना की मानहानि मामले में उन्हें दिया गया था। दिल्ली के शराब घोटाले से शुरू हुआ राजनीतिक तूफान अब इस नौबत तक पहुंचेगा, ये सोचने की बात है। लीगल नोटिस पर लीगल जवाब दिया जाता है ना कि एक सांसद से ऐसे behaviour की उम्मीद? 

आपको याद दिलाते चलें कि राहुल गांधी ने भी कभी मनमोहन सरकार का ORDINANCE फाड़ने की बात कही थी। आज कांग्रेस की हालत आपके सामने है। लेकिन खुद को मिली लीगल नोटिस पर संजय सिंह की दलील क्या है, ये सुन लीजिए।

सवाल पब्लिक का

1. क्या मोदी विरोध के कैम्पेन में राहुल गांधी देश की छवि बिगाड़ रहे हैं?
2. क्या भारत जोड़ो पर 'पाकिस्तान एंगल' से राष्ट्रवाद और मजबूत होगा?
3. क्या लीगल नोटिस फाड़ना देश की संवैधानिक व्यवस्था का अपमान नहीं है?

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