- पंजाब के कुछ मंत्रियों और करीब 30 विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
- समझा जाता है कि बगावत करने वाले ये नेता सिद्धू गुट के हैं, इन्होंने कैप्टन में अविश्वास जताया है
- बुधवार को सिद्धू गुट के पांच नेता पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिलने देहरादून रवाना हुए
नई दिल्ली : पंजाब में कांग्रेस का कलह थमता नजर नहीं आ रहा है। यह संकट एक बार फिर बढ़ने लगा है। पंजाब के कुछ मंत्रियों और विधायकों के एक गुट ने जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग की है। वहीं, सिद्धू कैंप के पांच नेता पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिलने के लिए देहरादून के लिए रवाना हुए हैं। पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। पहले नेताओं के दिल्ली आने की बात थी। रावत खुद मंगलवार को पंजाब पहुंचने वाले थे लेकिन उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। पंजाब में विस चुनाव से पहले सिद्धू बनाम कैप्टन की जंग फिर तेज हो गई है।
बागी नेताओं ने कहा-कैप्टन में भरोसा नहीं
मंगलवार को सिद्धू और कैप्टन के बीच टकराव और बढ़ गया। मंगलवार को चार कैबिनेट मंत्रियों सहित पार्टी के करीब 30 विधायकों ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुली बगावत कर दी। इन नेताओं ने कहा कि उन्हें कैप्टन में भरोसा नहीं है और वह चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पाएंगे। बागी सुर अपनाने वाले नेताओं का आरोप है कि कैप्टन शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं।
राज्य में अगले साल होने हैं विस चुनाव
कैप्टन और सिद्धू के बीच सुलह का रास्ता निकालते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व क्रिकेटर को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है लेकिन दोनों नेताओं के बीच आपसी संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने राज्य में लागू करने के लिए अपना 18 सूत्रीय एजेंडा दिया है। सिद्धू इस एजेंडे को जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं। समझा जाता है कैप्टन के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले ये सभी नेता सिद्धू गुट के हैं। राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के इन दो दिग्गज नेताओं का आपसी टकराव पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है।