- 24 फरवरी. 2020 को दिल्ली के चांद बाग में हुई हिंसा का एक नया वीडियो आया सामने
- इसी हिंसा में गोली लगने के बाद हुई थी हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की मौत
- वीडियो में महिलाएं भी पथराव करती दिख रही हैं, हमला कर रही भीड़ के बीच पुलिस कर्मी फंसे
नई दिल्ली: पिछले महीने के अंत में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा का एक खौफनाक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो 24 फरवरी का है जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि दोपहर 11 बजे चांदबाग इलाके में किस तरह से भीड़ ने पुलिस टीम को घेर कर पत्थरबाजी की थी। इस टीम को डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा लीड कर रहे थे। इस दौरान हिंसक भीड़ पुलिस पर ही टूट पड़ी। खबरों के मुताबिक गोकुलपुरी के एसीपी अनुज कुमार इसी भीड़ द्वारा की गई हिंसा में घायल हो हुए थे और यहीं पर हेड कांस्टेबल रतनलाल को भी गोली मारी गई थी।
वीडियो में महिलाएं भी कर रही हैं पुलिस पर हमला
वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी भीड़ में फंस जाते हैं और चारों तरफ से भीड़ उन्हें घेर लेती है और जमकर लाठी-डंडे बरसाने के साथ-साथ पत्थरों से हमले कर रही है। इतना ही नहीं वीडियो में महिलाएं भी पुलिस पर पथराव करती दिख रही हैं। वीडियो में साफ-साफ नजर आ रहा है कि सड़क के बीच में लगी रेलिंग की वजह से पुलिस कर्मी फंस जाते हैं और भीड़ उन पर टूट पड़ती है। डीसीपी को भीड़ ने लाठी-डंडों से मारना शुरू कर दिया था। उन पर हमला होते हुए देखकर उनके रीडर रतन लाल बचाने के लिए पहुंचे और भीड़ ने उन्हें निशाने पर ले लिया।
कपिल मिश्रा ने शेयर किया एक और वीडियो
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक और वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'ये वीडियो देखिये घायल DCP अमित शर्मा जी को पुलिस वाले किसी तरह उठाकर लेकर जा रहे हैं। वहशी दरिंदो की भीड़ पागलों की तरह पत्थर मार रही हैं। इससे पहले यही भीड़ कांस्टेबल रतनलाल जी की हत्या कर चुकी थी। इस भीड़ को आम आदमी पार्टी का चांद बाग का नेता मोहम्मद अथर लेकर आया था।'
531 एफआईआर दर्ज
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के संबंध में पुलिस ने 531 प्राथमिकी दर्ज की है। इस संबंध में 1,647 लोग गिरफ्तार किए गए हैं या उन्हें हिरासत में लिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से शस्त्र अधिनियम के तहत 47 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले पुलिस ने मौजपुर में हिंसा के दौरान निहत्थे पुलिसकर्मी पर तमंचा तानने वाले मोहम्मद शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हिंसा की भेंट चढ़ गए रतन लाल
बाद में रतन लाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई चौंकाने वाली खुलासे हुए थे। पहले यह बताया जा रहा था कि उनकी मौत सिर में पत्थर लगने से हुई थी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उनके सिर में पत्थर नहीं बल्कि गोली लगी थी। पूर्वी दिल्ली के चांदबाग में हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के दौरान गोकलपुर के एसीपी के रीडर रतन लाल शहीद हो गए।