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उदयपुर से न्यूयॉर्क तक 'सर तन से जुदा' गैंग एक्टिव, सलमान रुश्दी से नुपुर शर्मा तक 'वक्त' नया 'सोच' कट्टरपंथी?

Updated Aug 13, 2022 | 18:16 IST

सलमान रुश्दी पर ये जानलेवा हमला उनकी एक विवादित किताब द सेटेनिक वर्सेज की वजह से हुआ है। जबकि नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी की वजह से कट्टरपंथी जान के पीछे पड़े हैं।

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मुख्य बातें
  • दिमाग में बसे कट्टरपंथ से आजादी कब?
  • हादी और नदीम के मन में इतनी नफरत क्यों ?
  • कट्टरपंथ की आग के पीछे सियासत या सोच ?

राष्ट्रवाद में बात सलमान रुश्दी से नुपुर शर्मा तक की। भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी, जिन्होंने अपनी किताबों की वजह से पूरी दुनिया में पहचान बनाई। वही किताब की वजह से कट्टरपंथियों ने उन्हें वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया है। अमेरिका में सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है। स्टेज पर सलमान रुश्दी के सर को तन से जुदा करने की कोशिश हुई। देखिए किस तरह हमलावर सलमान रुश्दी के गर्दन पर चाकुओं से लगातार वार कर रहा है।

सलमान रुश्दी पर ये जानलेवा हमला न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में हुआ। 12 अगस्त की सुबह 11 बजे ये अटैक हुआ। 24 साल के हमलावर हादी मतार ने रुश्दी के गर्दन पर चाकुओं से हमला किया। 15 सेकेंड में उनकी गर्दन पर 12 वार किए गए। सलमान रुश्दी मंच पर गिर पड़े। बाद में उन्हें एयर एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया और इस वक्त सलमान रुश्दी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।

सलमान रुश्दी पर ये जानलेवा हमला उनकी एक विवादित किताब द सेटेनिक वर्सेज को लेकर हुआ है। ये किताब 1988 में पब्लिश हुई थी। न्यूयॉर्क पुलिस की गिरफ्त में दिख रहा यही वो शख्स है। जिसने सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला किया। इसकी उम्र महज 24 साल है और नाम है हादी मतार। कट्टरपंथ का जहर कैसे पूरी दुनिया में फैल रहा है। इसे इस पकड़े गए हमलावर के जरिए समझा जा सकता है।

सलमान रुश्दी की विवादित नॉवेल द सेटेनिक वर्सेज की उम्र 34 साल हो गई है। न्यूयॉर्क में उनपर जिसने हमला किया वो हादी मतार महज 24 साल का है यानी इसके जन्म से 10 साल पहले ही ये किताब आ चुकी थी। तबतक कई देशों ने इसे बैन भी कर दिया था लेकिन 24 साल का हादी मतार के सिर पर कट्टरपंथ इस कदर सवार था कि उसने एक पब्लिक मंच पर रुश्दी के सर को तन से जुदा करने की कोशिश की।

यही कट्टरता न्यूयॉर्क से लेकर उदयपुर तक दिख रही है। हर जगह सर तन से जुदा गैंग वाले एक्टिव हैं। सलमान रुश्दी पर जो जानलेवा हमला हुआ है उसके पीछे वजह उनकी किताब द सेटेनिक वर्सेज है। जबकि नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी की वजह से कट्टरपंथी जान के पीछे पड़े हैं। सलमान रुश्दी के खिलाफ कट्टरपंथियों का फतवा है। जबकि नुपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

1999 में टोक्यो में हितोशी इगारशी की हत्या कर दी गई जबकि उदयपुर में नुपुर को समर्थन देने पर मर्डर हो गया। हितोशी ने जापानी भाषा में द सेटेनिक वर्सेज का अनुवाद किया था। तो उदयपुर में कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर नुपुर को समर्थन दिया था। जिसके बाद कट्टरपंथियों ने उनका गला काट दिया। द सेटेनिक वर्सेज मामले में इटली में एटोर कैप्रियोलो पर अटैक होता है। जबकि हिंदुस्तान में अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या हो जाती है। सलमान रुश्दी के खिलाफ ईरान की ओर से मौत का फतवा जारी किया गया था  जबकि नुपुर शर्मा के खिलाफ अजमेर से सर तन से जुदा की धमकी दी जाती है। अलकायदा की हिट लिस्ट में सलमान रुश्दी हैं। जबकि नुपुर की हत्या की साजिश में अबतक 2 आतंकी गिरफ्तार हो चुके हैं।

इसलिए राष्ट्रवाद में आज का सवाल है....

न्यूयॉर्क से उदयपुर तक 'सर तन से जुदा' गैंग ?
रुश्दी से नुपुर तक 'वक्त' नया 'सोच' वही ?
दिमाग में बसे कट्टरपंथ से आजादी कब ?
हादी और नदीम के मन में इतनी नफरत क्यों ?
कट्टरपंथ की आग के पीछे सियासत या सोच ?

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