- हाथरस गैंगरेप केस की फॉरेंसिक रिपोर्ट आई सामने
- यूुपी पुलिस ने कहा- फॉरेसिंक रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं है
- गलत तथ्य पेश कर प्रदेश में जातीय तनाव भड़काने की की गई कोशिश: प्रशांत कुमार
नई दिल्ली: हाथरस में दलित युवती के साथ 14 सितंबर को हुए कथित बलात्कार के मामले में सफदरगंज अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद फोरेंसिंक लैब की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था। पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 29 सितंबर को मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार कर दिया गया जिसके बाद सरकार की काफी आलोचना हो रही है।
फोरेंसिंक रिपोर्ट
अब फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा है हाथरस मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। प्रशांक कुमार ने कहा, 'शव परिवाजनों के साथ लाकर अत्येंष्टि की गई। जो मृत्यु का कारण आया है वो गले में चोट होना बताया गया है। इस बीच जो विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक रिपोर्ट) की रिपोर्ट अब प्राप्त हो गई है कि जिसमें बताया है कि जो सैंपल लिए गए थे उनमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है।'
जातीय हिंसा भड़काने की थी तैयारी
प्रशांत कुमार ने कहा, 'इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोगों द्वारा प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गई। शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की गई है। इसमें आगे भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश के सामाजिक सद्भाव और जातीय हिंसा भड़काने चाहते थे औऱ जवाबदेह अधिकारियों के कहने के बावजूद अपने तरीके से मीडिया में गलत तथ्यों के आधार पर मोड़ना चाहते थे।'