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हेमंत सोरेन दे सकते हैं इस्तीफा, राजभवन से मिलने का नहीं मिला समय !

Updated Sep 01, 2022 | 14:29 IST

इस तरह की खबर आ रही है कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

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मुख्य बातें
  • ऑफिस ऑफ प्राफिट मामले में दोषी पाए गए हैं हेमंत सोरेन
  • गवर्नर को चुनाव आयोग भेज चुका है सिफारिश
  • सत्ता पक्ष के ज्यादातर विधायक इस समय रायपुर में

झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। गवर्नर से मिलने के लिए उन्होंने समय मांगा था। लेकिन राजभवन से समय नहीं मिला। बता दें कि झामुमो के विधायक इस समय रायपुर में हैं। अटकलों के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को दावा किया था कि शैतानी ताकतें उनकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे। बीजेपी पर जमकर हमला करते हुए हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी वाले पिछले पांच महीने से मुझे सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे खिलाफ हर तरह के हथियार चला रहे हैं, ये मेरी गर्दन पर आरी तक चलाने का प्रयास किए, लेकिन हर औजार ही टूट जा रहा है।

जब सोरेन ने खेला आदिवासी कार्ड
हेमंत सोरेन ने खुद को आदिवासी का बेटा कहा, झारखंड का बेटा कहा।  कोई इतना आसानी से मुझे नहीं तोड़ सकता है। इससे पहले सोरेन के कार्यकाल के दौरान उनके नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय बंद लिफाफे में झारखंड के राजभवन गुरुवार को पहुंच गई। अब राज्यपाल रमेश बैस के फैसले का इंतजार है। राजभवन से इस सिलसिले में कोई निर्देश जल्द ही आने की संभावना है।

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झामुमो सत्ता की भूखी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सत्ता के भूखे नहीं हैं। हम यहां सिर्फ लोगों के कल्याण के लिए, काम करने के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत हैं। क्या कभी किसी ने सोचा था कि हर बूढ़ी, विधवा और एकल महिला को पेंशन मिलेगी? यह आपके सबके आशीर्वाद से संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) के मौके पर देश के प्रधानमंत्री और आदिवासी राष्ट्रपति ने देश के आदिवासी समाज को शुभकामनाएं देना भी मुनासिब नहीं समझा। उनकी नजर में हम आदिवासी नहीं बल्कि 'वनवासी' हैं।सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उनके साथ है। साथ ही कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है, वह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा क्योंकि पार्टी के अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं।

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