- मऊ प्रशासन का कहना है कि बूचड़खाना अवैध रूप से बना हुआ था
- हाल के दिनों में मुख्तार अंसारी की करीबियों पर सरकार ने की है कार्रवाई
- मऊ के जिलाधिकारी ने बताया कि बूचड़खाना ग्रीनलैंड क्षेत्र में बना हुआ था
मऊ (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन का शिकंजा मुख्तार अंसारी के करीबियों पर कसता जा रहा है। प्रशासन ने शुक्रवार को मऊ में अंसारी के करीबी रईस कुरैशी की ओर से चलाए जाने वाले अवैध बूचड़खाने को गिरा दिया। प्रशासन का कहना है कि यह अवैध बूचड़खाना ग्रीन जोन में बना हुआ था, इसलिए इस पर कार्रवाई हुई। बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ से बसपा के विधायक हैं।
ग्रीनलैंड क्षेत्र में बना हुआ था बूचड़खाना
मऊ के जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बूचड़खाना ग्रीनलैंड क्षेत्र में बना हुआ था जिसे रईस कुरैशी नाम का व्यक्ति चलाता था। रईस बसपा विधायक अंसारी का करीबी है। इस अवैध बूचड़खाने को आज गिरा दिया गया। त्रिपाठी ने बताया कि ग्रीनलैंड इलाके के अन्य अवैध निर्माणों को भी जल्द गिराया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि यह बूचड़खाना दशकों से तम्सा नदी के किनारे चल रहा था।
रईस कुरैशी चलाता था बूचड़खाना
अवैध बूचड़खाने की कार्रवाई शहर के सर्कल ऑफिसर नरेश कुमार और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। इस बूचड़खाने का निर्माण कुरैशी ने किया था और इसकी कीमत करीब 40 लाख रुपए बताई जाती है। वहीं, लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अवैध बूचड़खाने को जमींदोज किया गया क्योंकि यह सड़क के किनारे अवैध रूप से बना था। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।
लखनऊ में भी हुई है कार्रवाई
गौरतलब है कि प्रशासन ने गुरुवार को लखनऊ के डालीबाग इलाके में अंसारी के परिवार से जुड़ी दो इमरातों को गिराया। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक बंटवारे के समय पाकिस्तान गए लोगों की जमीन पर डालीबाग में अवैध रूप से भवनों का निर्माण किया गया था। राज्य सरकार ने हाल ही में मुख्तार अंसारी के करीबियों की संपत्तियों को जब्त किया है। गाजीपुर में अंसारी के चार करीबियों के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित हुए हैं।