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NIA: जिहाद का उपदेशक है जाकिर नाइक, जहरीले बोल से 127 से ज्यादा लोग आईएसआईएस से जुड़े

Updated Oct 14, 2019 | 11:54 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

NIA on Jakir Naik: इस्लामिक धर्मगुरु और उपदेशक जाकिर नाइक के बारे में एनआईए का कहना है कि उसने 127 से ज्यादा लोगों को जिहाद और आईएसएसआईस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

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मुख्य बातें
  • जिहाद का उपदेशक है जाकिर नाइक, एनआईए का खुलासा
  • जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित होकर 127 से ज्यादा लोग आईएसआईएस से जुड़े
  • जमात- उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से जुड़े आतंकी केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सक्रिय

नई दिल्ली। धर्म उपदेशकों का काम होता है कि वो लोगों में आधायात्म का अलख जगाते हैं। वो लोगों से सांसारिक और आध्यातामिक संसार के बीच तालमेल की सलाह देते हैं। वो लोगों की परेशानियों को कम करने में मदद देते हैं। वो लोगों को अहिंसा के रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं। लेकिन एनआईए ने जाकिर नाइक के बारे में जो जानकारी दी है उसके मुताबिक उसकी तकरीरों से लोग सांसारिक मोह माया के बंधन से आजाद नहीं होते थे, बल्कि लोग उन्मादी हो जाते थे। 

एनआईए के डीजी वाई सी मोदी ने जाकिर नाइक के बारे में जो जानकारी दी है वो चौंकाने वाली है। राज्यों के एटीएस और एसटीएफ चीफ की बैठक में उन्होंने बताया कि संदेह के आधार पर 127 से ज्यादा लोगों की भारत में गिरफ्तारी की है। ये वो लोग हैं जिनका संबंध आईएसआईएस से है और ये लोग विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की तकरीरों से प्रभावित थे। 

वाई सी मोदी ने कहा कि भारत के सामने आतंकवाद और आतंकी संगठन अलग अलग रूपों में चुनौतियां पेश कर रहे हैं। खासतौर से बांग्लादेश आधारित जमात-उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश ते आतंकी केरलस महाराष्ट्र और कर्नाटक में अपने पांव पसार चुके हैं। एनआईए चीफ ने इस संबंध में जो जानकारियां दी हैं वो डराने वाली है। उन्होंने कहा बांग्लादेश से जुड़े आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ी हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हैं। 127 से ज्यादा की गिरफ्तारी से साफ है कि हम किसी तरह के खतरे को चलता है के नजरिए से नहीं ले सकते हैं। 

एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि आतंकवाद का पोषक कौन सा देश यह सबको पता है। दुनिया के दूसरे मुल्कों में अब पाकिस्तान को लेकर विचार परिवर्तन हो रहा है। लेकिन हमें अपनी कोशिशों में ढील नहीं देना है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है और अब समय आ चुका है जब हमें इसकी विचारधारा पर चोट करना होगा। 

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