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ऑडियो क्लिप मामले में बढ़ सकती है आरजेडी प्रमुख की मुश्किलें, जांच के आदेश, PIL दायर करने की तैयारी

Updated Nov 26, 2020 | 16:22 IST

Lalu Prasad's alleged audio: जेल से बीजेपी विधायक को फोन कर खरीद-फरोख्‍त की कोशिश को लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के कथित ऑडियो को लेकर प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

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मुख्य बातें
  • आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद का कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है
  • इसमें उन्‍हें बीजेपी MLA को मंत्री पद का लालच देते सुना जा रहा है
  • लालू प्रसाद अगर दोषी पाए जाते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं

रांची : बिहार में एनडीए विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जेल में बंद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के कथित ऑडियो क्लिप को लेकर सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को इस मामले में आरजेडी को उस वक्‍त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था, जब लालू प्रसाद का एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें उन्‍हें पीरपैंती से बीजेपी के विधायक ललन पासवान से फोन पर बात करते सुना गया।

इस ऑडियो टेप में लालू को ललन पासवान से यह कहते सुना जा रहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान अनुपस्थित हो जाएं और इसके लिए कोरोना वायरस संक्रमण का बहाना बना दें। इस वायरल ऑडियो क्लिप में आरजेडी प्रमुख को पासवान को मंत्री पद का लालच देते भी सुना गया है। अब इस मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। लालू प्रसाद अगर इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

कोर्ट में PIL दायर करने की तैयारी

जेल में रहते हुए बिहार के एक विधायक को प्रलोभन देने के मामले में उनके खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी भी चल रही है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा है कि पीआईएल में हम राज्य सरकार और राज्य के डीजीपी को पार्टी बनाएंगे और इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग करेंगे।

उन्होंने कहा कि लालू यादव शुरू से ही जेल मैनुअल का लगातार उल्लंघन करते आ रहे हैं जो एक गंभीर मामला है। इस मामले में हाई कोर्ट को स्वत संज्ञान लेना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो सके।

जेल प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। रांची स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक और रांची के उपायुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

जेल महानिरीक्षकाने यह भी कहा कि हिरासत में फोन या मोबाइल का उपयोग अवैध है। ऐसे में यदि यह मामला सच साबित होता है तो पहले यह पता लगाया जाएगा कि मोबाइल फोन लालू प्रसाद के पास पहुंचा कैसे और इसके लिए कौन दोषी है? उन्होंने कहा कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए किसी भी तरह की राजनीतिक बातचीत जेल नियमावली का उल्लंघन है। 

चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू फिलहाल रांची के रिम्स में भर्ती हैं। लालू की सुरक्षा और देखरेख में रिम्स में पांच दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मी और अधिकारी तैनात हैं। इसके बावजूद उन पर लगातार जेल नियमों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं।

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