- पुलवामा को एक बार फिर दहलाने की आतंकियों की एक बड़ी साजिश नाकाम
- आईईडी से भरी थी कार, हमले करने के इरादे से निकला था आतंकवादी
- पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घाटी में बड़ा हमला करने की है साजिश
श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने कश्मीर में पुलवामा जैसे हमले की आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। आतंकी अपनी इस साजिश में सफल हो जाते तो वे बड़ा नुकसान पहुंचा सकते थे। दरअसल, सुरक्षाबलों को एक कार से बड़ी मात्री आईईडी मिली है जिसे निष्क्रिय किया गया है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि ऐसा लगता है कि आतंकवादी घाटी में बड़े हमले की फिराक में हैं और इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन ने हाथ मिलाया है। विस्फोटक से भरी कार को निष्क्रिय किए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
आईडी से लदी थी कार
कार से मिले विस्फोट की तीव्रता कितनी ज्यादा थी इसे उसके निष्क्रिय करते समय भारी विस्फोट हुआ। इस घटना के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार कल नाके पर पुलिस ने जब इस कार को रोकना चाहा तो वह रुकी नहीं। सुरक्षाकर्मियों को देखकर आतंकी ने उनके ऊपर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद रात एवं अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकवादी वहां से भाग निकला। बाद में यह कार सड़क के किनारे मिली। कार में विस्फोटक की सूचना मिलने पर मौके पर बम-निरोधक दस्ता पहुंचा और उसने कार को निष्क्रिय किया। अब इस हमले की साजिश की जांच एनआईए करेगी।
कार में सवार था हिज्बुल का आतंकी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कार में सवार आतंकवादी हिज्बुल मुजाहिदीन का था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस आतंकवादी की मंशा हाईवे पर सुरक्षाबलों के पास इस वाहन को खड़ा कर उन्हें निशाना बनाने की हो सकती थी। डीजीपी सिंह का कहना है कि इस बार लगता है कि लश्कर, जैश ए मोहम्मद और हिज्बुल एक साथ आए हैं और वे मिलकर सुरक्षाबलों पर एक बड़ा हमला करने की साजिश रच रहे हैं। आईजी विजय कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली की जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकवादी हमले को अंजाम देने जा रहा है। हमें संदेह है कि कार का मालिक आदिल जो कि हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी है, वह जैश-ए-मोहम्मद के साथ भी संपर्क में है।
घाटी में युवाओं को किया जा रहा गुमराह
अधिकारी ने बताया, 'हमें इस तरह की सूचना मिल रही है कि हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू के मारे जाने के बाद घाटी में बड़ी संख्या में युवाओं को गुमराह किया जा रहा है।' जाहिर है कि इतने बड़े साजिश के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। नाइकू के मारे जाने के बाद घाटी के बचे-खुचे आतंकवादी बौखला गए हैं। वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाना चाहते हैं। इस बार उनकी साजिश बड़ी थी जिसे नाकाम कर दिया गया है। गत 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से भरी कार से पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए।