- काशी के बाद अब मथुरा में भी मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद पर होगी सुनवाई
- सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 1968 में हुए समझौते पर सुनवाई शुरू होगी
- समझौता को गलत बताकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को वापस करने की मांग
Shahi Idgah Mosque Dispute : काशी के बाद अब मथुरा में भी मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। यहां भी कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में कोर्ट आज से सुनवाई शुरू करेगा। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 1968 में हुए समझौते पर सुनवाई शुरू होगी। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की जमीन पर असली मालिक के दावे पर कोर्ट में बहस होगी। साल 1968 में कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते को अदालत में चुनौती दी गई है। ट्रस्ट ने 13.37 एकड़ जमीन पर अपना दावा किया है। अर्जी में कहा गया कि यह समझौता गलत है और पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को वापस की जाए।
कोर्ट ने रिवीजन के दावे को स्वीकार किया
बता दें कि गत 19 मई को जिला जज की अदालत ने लोअर कोर्ट ( सिविल कोर्ट ) द्वारा खारिज दावे को पुनः सुनने के लिए आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा रिवीजन मेंटेनेबल है। भगवान की प्रॉपर्टी के लिए भक्त को दावा दायर करने का अधिकार है और यहां पर 1991 का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं होता। निचली अदालत के ऑडर को जिला जज ने गलत बताते हुए रिवीजन के दावे को स्वीकार किया है।
वकीलों ने दायर की है अर्जी
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णुशंकर जैन ,रंजना अग्निहोत्री आदि ने खुद को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त बताते हुए कोर्ट में अर्जी दायर की है। दावे में 1968 में शाही ईदगाह मस्जिद और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के बीच हुए समझौते को चुनौती दी गई है। अर्जी में कहा गया है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन का असली मालिक है, सेवा संस्थान को इस समझौते का अधिकार नहीं था।
Gyanvapi mosque : ज्ञानवापी मामले में अर्जी सुनवाई योग्य है या नहीं, आज वाराणसी जिला अदालत में अहम सुनवाई
आज ज्ञानवापी मामले में भी सुनवाई
वहीं, वाराणसी की जिला अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद की सुनवाई होनी है। जिला अदालत इस बात पर सुनवाई करेगा कि याचिकाएं सुनवाई योग्य हैं या नहीं। ज्ञानवापी पर कोर्ट का आज का फैसला अहम माना जा रहा है। पिछले सुनवाई में जिला अदालत ने हिंदू एवं मुस्लिम दोनों पक्षकारों को आपत्तियों पर अपना हलफनामा एक सप्ताह के भीतर सौंपने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी की कॉपी दोनों पक्षों को देने के निर्देश दिए। मामले में हिंदू सेना ने भी कोर्ट में अर्जी दायर की है और खुद को पक्ष बनाने की अपील की है।