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भिखारी की मदद करने पहुंचे DSP, उसने नाम लेकर पुकारा, दोनों रहे हैं बेचमेट; बेहद भावुक और फिल्मी है कहानी

Updated Nov 12, 2020 | 21:50 IST

मानसिक रूप से बीमार एक शख्स ने जब डीएसपी को नाम लेकर पुकारा तो पता चला कि वो और डीएसपी 1999 में बेचमेंट थे। डीएसपी अब अपने साथी की मदद के लिए आगे आए हैं।

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो अक्सर फिल्मों में ही देखने को मिलती है। दरअसल, मानसिक रूप से बीमार एक शख्स ने जब शहर के डीएसपी को नाम लेकर पुकार तो पूरी कहानी ही बदल गई। हुआ यूं कि मानसिक रूप से पीड़ित शख्स का नाम मनीष मिश्रा है और वो पुलिसकर्मी रहे हैं, लेकिन कई सालों से वो अपने हालातों की वजह से दर बदर घूम रहे हैं। मनीष 1999 बेंच के हैं और डीएसपी रतनेश सिंह तोमर भी उसी बेच से हैं। मनीष ने जब उनको देखा तो नाम लेकर पुकारा। 

इसके बाद डीएसपी रतनेश ने भी उनको पहचाना और अपने पुराने साथी की मदद करते हुए उन्हें एक आश्रय स्थल में पहुंचवाया। मनीष जब डीएसपी रतनेश से सड़क पर मिले थे तो उनकी हालत काफी दयनीय थी। बाद में आश्रम स्वर्ग सदन में ले जाकर पहले उनको अच्छे तैयार किया गया। उनके बालों की कटिंग की गई और दाढ़ी बनाई गई।

DSP ने बताई कहानी

DSP रतनेश मिश्रा ने पूरी कहानी बताते हुए कहा, 'ये हमारे बेचमेट हैं मनीष मिश्रा। 1999 में उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। 7-8 साल अच्छे से जॉब किया। बाद में इनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। इनका काफी इलाज भी कराया गया। इलाज के दौरान ये भग गए, पिछले 3-4 सालों से इनका कुछ पता नहीं। लेकिन अभी मतगणना की ड्यूटी खत्म कर हम घर लौट रहे थे तो एक शख्स को सड़क पर देखा। हमने सोचा कि ठंड में इसकी मदद की जाए। जूते, कपड़े और खाना दिया। लेकिन इसी दौरान उन्होंने हमारे नाम पुकारा। हमें बड़ी हैरानी हुई। फिर उनसे बात हुई। अब उनको आश्रम में रखवा दिया है। हम और हमारे साथ उनका ध्यान रखेंगे। पत्नी से इनका तलाक हो गया था।' 

सालों से इस तरह सड़कों पर भटक रहे मनीष मिश्रा एक समय एमपी पुलिस के पुलिस विभाग में अचूक निशानेबाज रहे हैं।

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