- राजस्थान में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू परिवारों के डिपोर्ट पर गृह मंत्रालय ने लगाई रोक
- 6 साल पहले पाकिस्तान से भाग कर राजस्थान में आकर बस गया था ये हिंदू परिवार
- राजस्थान सरकार और सीआईडी ने उन्हें देश के लिए खतरा बताते हुए डिपोर्ट का दिया आदेश
जैसलमेर : पाकिस्तान से भाग कर राजस्थान आए 6 हिंदू नागरिकों के एक परिवार को क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने देश छोड़ कर जाने को कहा है। पाकिस्तान से भाग कर आए 6 हिंदू नागरिक जो राजस्थान के जैसलमेर में रह रहे हैं उन्हें सीआईडी ने देश छोड़कर जाने का आदेश दिया है।
इस बीच इस मामले में एक बड़ी अपडेट ये आ रही है कि गृह मंत्रालय ने पाकिस्तानी हिंदुओं को वापस पाकिस्तान जाने के राजस्थान सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है।
बताया जाता है कि ये परिवार छह साल पहले ही शरण की तलाश में पाकिस्तान से भाग कर भारत आ गया था जिसे अब सीआईडी ने देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें पाकिस्तान लौट जाने को कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में 19 सदस्यों वाला एक हिंदू परिवार पाकिस्तान से भाग कर भारत आ गया था और राजस्थान के जोधुपर में आकर बस गया था। इसी परिवार के 6 सदस्य जोधपुर से निकल कर जैसलमेर के नचना गांव में आकर बस गए थे।
जैसलमेर के नचना गांव में रह रहे जब इन पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों के दस्तावेजों की जांच की गई तो फॉरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) और सीआईडी ने उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरा करार दे दिया।
अधिकारियों ने इस परिवार को फौरन ही भारत छोड़ कर निकल जाने और कहीं दूसरी जगह आश्रय तलाशने को कहा है। हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसी सीआईडी के इस आदेश के बाद हिंदू परिवारों को लिए पाकिस्तान वापस जाना अब बेहद मुश्किल हो गया है।
पीड़ित परिवार ने बताई आपबीती
जानकारी के मुताबिक खेती किसानी के लिए इनमें से 6 सदस्यों का एक परिवार जोधपुर से जैसलमेर के नाचनी गांव आकर बस गया। उनमें से एक महिला ने बताया कि जोधपुर महंगा होने के चलते वे जैसलमेर आ गई थीं। अब वीजा नियमों के उल्लंघन की बात कहकर उन्हें वापस पाकिस्तान भेजने की बात कही जा रही है।
उसने बताया कि अधिकारी कहते हैं कि वे उसके पति को वापस पाकिस्तान भेज देंगे। उसने आगे बताया कि पति के चले जाने के बाद वह अपने चार बच्चों के साथ यहां अकेले किसके सहारे रहेगी, उसका कहना है कि उसके 2 बच्चों का जन्म यहीं भारत में हुआ है।
बता दें कि ये मामला ऐसे समय में सामने आया है जब नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रस्तावित CItizenship संशोधन विधेयक के माध्यम से भारत में रहने वाले हिंदू शरणार्थियों को स्वाभाविक रूप से नागरिकता प्रदान करने की बात कही है।
इस विधेयक में हिंदू, सिख और बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रस्ताव है जो पिछले कुछ वर्षों से भारत में धार्मिक उत्पीड़न और भारत में रहने से बचने के लिए पड़ोसी देशों में भाग गए हैं।