- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल और उसका विस्तार करने जा रहे हैं
- इसमें कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है
- कैबिनेट विस्तार से कई समीकरणों को साधने की कोशिश की जा रही है
नई दिल्ली: कल यानी 7 जुलाई को शाम 5:30 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और उसका विस्तार हो सकता है। उससे पहले काफी अहम जानकारियां सामने आई हैं। कई संभावितों के नाम सामने आए हैं, ज्यादातर दिल्ली भी पहुंच चुके हैं। सर्बानंद सोनोबाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नारायण राणे दिल्ली पहुंचे हैं। इनके अलावा कई अन्य नाम साथ ही बीजेपी के सहयोगी दलों के नाम भी सामने आए हैं, जो मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं।
इस बीच TIMES NOW को मिली जानकारी से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैसे अपने मंत्रिमंडल को आकार दे सकते हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार में किन-किन बातों पर जोर रहेगा। सरकार के शीर्ष सूत्रों से उन 5 फैक्टर के बारे में पता चला है, जो मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए अहम हैं।
- सरकार में युवा मंत्रियों को लाया जाएगा
- राज्यों के अनुभवी चेहरों को शामिल किया जाएगा
- पूर्व मुख्यमंत्रियों और प्रशासन से जुड़े लोग कैबिनेट में शामिल होंगे
- महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा
- कैबिनेट में अधिक पेशेवर होंगे
इसके अलावा मंत्रिमंडल में राज्यों के प्रतिनिधित्व और चुनावी राज्यों में जातिगत समीकरण पर भी जोर दिया जाएगा। साथी दलों को साधने के लिए भी तैयारी की गई है। पता चला है कि पश्चिमी यूपी, नॉर्थ बंगाल, कोंकण क्षेत्र से मंत्री हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में ओबीसी का 25% हिस्सा हो सकता है। 10-10 चेहरे दलित और आदिवासी समुदाय से होंगे।
ये हैं संभावित
इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी के पारस गुट के नेता पशुपति पारस भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनके अलावा जनता दल युनाइटेड के अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दिल्ली में हैं। संभावितों में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, महाराष्ट्र के नन्दुरबार से सांसद हिना गावित, भाजपा महासचिव व राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव, ओड़िशा से राज्यसभा के सदस्य अश्विनी वैष्णव के नाम शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि जदयू ने केंद्र में दो कैबिनेट, दो राज्य मंत्री यानी कुल चार मंत्रियों के पद मांगे हैं। 2022 के चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं। अपना दल मुखिया अनुप्रिया पटेल भी मोदी सरकार में जगह पा सकतीं हैं। पिछली सरकार में मंत्री रहे शिवप्रताप शुक्ला को फिर मौका मिल सकता है। हालांकि, रमापति राम त्रिपाठी, हरीश द्विवेदी, रवि किशन, जितिन प्रसाद का नाम दावेदारों में चल रहा है। उत्तर प्रदेश के दलित नेता रामशंकर कठेरिया या विनोद सोनकर में से किसी एक को मोदी सरकार में जगह मिल सकती है।