लाइव टीवी

Exclusive: पूर्व CBI निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ सरकार का बड़ा एक्शन, आजाद भारत की सबसे बड़ी कार्रवाई

Modi Government's takes big action against former CBI director Alok Verma
Updated Aug 02, 2021 | 10:44 IST

Times Now Navbharat Exclusive: आज टाइम्स नाउ नवभारत वो एक्सक्लूसिव खबर बता रहा है, जो आपको कहीं और नहीं मिलेगी...पीएम मोदी ऐसा एक्शन लेने वाले हैं, जैसा आजाद भारत में कभी नहीं हुआ।

Loading ...
मुख्य बातें
  • 2 मंत्रालय ने आलोक वर्मा के खिलाफ अभियोग चलाने की सिफारिश की है
  • ये सिफारिश यूनियन सर्विस पब्लिक कमीशन यानि UPSC से की गई है
  • कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने की है एक्शन लेने की सिफारिश

नई दिल्ली: विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने का बड़ा निर्णय लिया है। वही आलोक वर्मा, जिनका नाम पेगागस की उस लिस्ट में भी है जिनके फोन रिकॉर्ड करने के आरोप हैं...वही जासूसी कांड, जिसे लेकर विपक्ष ने मॉनसून सत्र को 19 जुलाई से अब तक चलने नहीं दिया है। हालांकि इस एक्शन को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर मोदी सरकार पूर्व सीबीआई डायरेक्टर के खिलाफ अभियोग क्यों चलाना चाहती है? इस एक्शन के पीछे की असली पिक्चर क्या है।

यूपीएससी के की गई है सिफारिश

दरअसल दो मंत्रालयों ने आलोक वर्मा के खिलाफ अभियोग चलाने की सिफारिश की है। ये सिफारिश यूनियन सर्विस पब्लिक कमीशन यानि UPSC से की गई है। जिन दो मंत्रालयों ने एक्शन लेने को कहा है उनमें पहला है-कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय जो खुद पीएम मोदी के पास है।और दूसरा है गृह-मंत्रालय। इसकी जिम्मेदारी अमित शाह के कंधों पर है।

क्यों सजा देना चाहती है सरकार

 अब ये समझिए कि आखिर मोदी सरकार पूर्व सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर ये एक्शन क्यों लेना चाहती है? उन्हें सजा क्यों देना चाहती है? दरअसल-सरकार का मानना है कि आलोक वर्मा ने भ्रष्टाचार किया है...उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई सरकारी नियम और कानून तोड़े हैं। इसीलिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

आलोक वर्मा पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

 जब आलोक वर्मा सीबीआई के डायरेक्टर थे और दिल्ली के वर्तमान पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना इसी एजेंसी के स्पेशल डायरेक्टर थे, तब राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए थे। गृह मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने इस आरोप की जांच की। सूत्रों के मुताबिक इस जांच में आलोक वर्मा को सरकारी नियम और कानून तोड़ने का दोषी पाया गया। इसी के बाद UPSC से पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ एक्शन लेने को कहा गया है।

यही नहीं आलोक वर्मा पर पेनाल्टी लगाने को भी कहा गया है। अगर ऐसा हुआ तो आलोक वर्मा को उनकी पेंशन नहीं मिलेगी और उन्हें ग्रेच्युटी भी नहीं दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें दूसरे सरकारी फायदों से भी वंचित रहना पड़ेगा।

चल सकता है आपराधिक मामला

आलोक वर्मा पर इस कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी चल सकता है। साल 2018 में जब आलोक वर्मा सीबीआई के डायरेक्टर थे और राकेश अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर तब दोनों के बीच जबरदस्त जंग हुई थी। विवाद के बाद मोदी सरकार ने दोनों को पद से हटा दिया था। अब केंद्र सरकार ने एक तरफ राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का मुखिया बना दिया है, तो दूसरी तरफ आलोक वर्मा पर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। ऐसे में ये मुद्दा देश में गरमाने वाला है। सियासी गलियारे में एक और तूफान आने वाला है। विपक्ष इस मसले पर सड़क से लेकर संग्राम करने वाला है। इसमें कहीं कोई शक नहीं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।