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Coronavirus: सार्क देशों के साथ पीएम मोदी ने की चर्चा, भारत ने SAARC को दिए एक करोड़ डॉलर

Updated Mar 15, 2020 | 19:32 IST

कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार शाम को सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान सभी राष्ट्राध्यक्षों से चर्चा की।

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मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर सार्क देशों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से की चर्चा
  • सभी देशों के प्रमुखों ने इस चर्चा के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद दिया
  • प्रधानमंत्री ने कहा- भी को एक साथ काम करना चाहिए और हम सभी को एक साथ सफल होना चाहिए।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सार्क देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ कोरोना वायरस से निपटने के लिये रणनीति बनाने को लेकर एक वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया। इस वीडियो कॉन्फ्रेस में सार्क के सभी देशों ने शिरकत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड 19 पर फंड बनाने का सुझाव देते हुए कहा, 'कोविड -19 के लिए एक इमर्जेंसी फंड बनाने का मैं प्रस्ताव देता हूं। भारत इसके लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1 करोड़ डॉलर) की मदद का प्रस्ताव देता है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है।' इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दक्षेस (सार्क) क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है।

मिलकर करनी होगी तैयारी

 पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा क्षेत्र विश्व की पूरी जनसंख्या का लगभग पांचवां हिस्सा है। यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है। विकासशील देशों के रूप में हम सभी के पास स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच के मामले में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं। हमारे सभी देशों के नागरिकों के बीच आपसी संबंध प्राचीन समय से हैं और हमारे समाज गहराईपूर्वक एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए, हम सभी को साथ मिलकर तैयारी करनी चाहिए, सभी को एक साथ काम करना चाहिए और हम सभी को एक साथ सफल होना चाहिए।'

भारत ने दो महीने में 60 से ज्यादा लैब स्थापित की

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने नैदानिक क्षमताओं में भी वृद्धि की है। दो महीनों के भीतर, हमने देश भर में 60 से अधिक प्रयोगशालाओं में परीक्षण की व्‍यवस्‍था कर ली। और हमने इस महामारी के प्रबंधन के प्रत्येक चरण के लिए प्रोटोकॉल विकसित किए हैं, जैसे : प्रवेश बिंदुओं पर जांच करना, संदिग्ध मामलों के संपर्क का पता लगाना, क्वॉरंटीन और अलगाव सुविधाओं का प्रबंधन करना और साफ हो चुके मामलों में डिस्चार्ज करना। हमने विदेशों में अपने लोगों की कॉल का भी जवाब दिया। हमने विभिन्न देशों से लगभग 1400 भारतीयों को निकाला। हमने अपनी 'पड़ोस पहले नीति’ के अनुसार आपके कुछ नागरिकों की मदद की। हमने अब इस तरह की निकासी के लिए एक प्रोटोकॉल बनाया है जिसमें विदेशों में तैनात हमारी मोबाइल टीमों के द्वारा जांच करना शामिल है।'

मालदीव ने मिलकर पहल करने पर दी पहल

 मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कोविड-19 की चुनौती से निपटने के वास्ते क्षेत्रीय पहल करने के लिए राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए समन्वित पहल पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी देश इस हालात से अकेले नहीं निपट सकता।  सोलिह ने कहा, 'मैं पीएम मोदी को धन्यवाद कहना चाहता हूं। संकट के समय में हम साथ आते हैं। 2003 में सार्स के खतरे के वक्त मालदीव ने सार्क के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक आयोजित की थी। कोई देश अकेले इस वायरस से नहीं निपट सकता है, इसमें सबकी मदद चाहिए।'

साझा नेटवर्क बने- अफगानिस्तान
वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए टेली-मेडिसिन का एक साझा नेटवर्क बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा, 'भारत सार्क का एक महत्वपू्र्ण सदस्य है। भारत शंघाई को-ऑपरेशन का सदस्य है। चीन का उपाय हमारे लिए कितने कारगर हैं, यह देखने की जरूरत है, जिससे कि हम ईरान की मदद कर सकें।'

अर्थव्यवस्थाओं के लिए बने तंत्र- श्रीलंका
श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा, 'पीएम मोदी का इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन करने के लिए शुक्रिया। हमारी बड़ी चुनौती इस वायरस को श्रीलंका में फैलने से रोकना है। कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए मैं दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव करता हूं। दक्षेस नेताओं को कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्याओं का सामना करने के उद्देश्य से हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक तंत्र बनाना चाहिए।

बांग्लादेश ने भारत को कहा शुक्रिया
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पीएम मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा, 'वुहान से हमारे 23 छात्रों को निकालने के लिए भी पीएम मोदी का धन्यवाद। हमने सभी जिलों के अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए स्पेशल बेड लगाए हैं। हमारे पास काफी टेस्टिंग किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर आदि हैं।'

पाकिस्तान ने कदम उठाने की की वकालत 

कोरोना पर सार्क देशों की चर्चा में भाग लेते हुए पाकिस्तान के प्रतिनिधि जफर मिर्जा ने कहा, 'जिस तरह कोरोना से 138 देश प्रभावित हैं, इसलिए कोई भी देश इसके लिए कदम उठाए बिना नहीं रह सकता है।  कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये कोई भी देश मुंह नहीं मोड़ सकता है। पाकिस्तान कोविड-19 के फैलाव को सीमित करने में अब तक सफल रहा है। WHO ने इसकी प्रशंसा की है।'  

भूटान बोला- सबका साथ जरूरी
वहीं भूटान के पीएम लोटे शेरिंग ने कहा, 'मैं पीएम मोदी को सबको साथ लाने के लिए शुक्रिया कहता हूं। इस बीमारी से निपटने के लिए सबका साथ आना जरूरी है। हमारा पहला मामला सामने आने के बाद उसके इलाज और उसके संपर्क में आने वाले 48 लोगों की पहचान के लिए हमने काफी मेहनत की है।'

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