महाराष्ट्र की राजनीति में नवाब मलिक और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है अब इस मामले पर नवाब मलिक ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, उनका आरोप है कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरपरस्ती में जाली नोटों का रैकेट चलता था।
मलिक ने कहा कि, 'देश में पांच साल पहले 8 नवंबर को नोटबंदी हुई, देश में 2000 और 500 के जाली नोट पकड़े जाने लगे, लेकिन महाराष्ट्र में एक साल तक राज्य में जाली नोट का एक भी मामला सामने नहीं आया, क्योंकि देवेंद्र के प्रोटेक्शन में जाली नोट का काम चल रहा था।'
नवाब मलिक ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस हजारों करोड़ की उगाही में शामिल हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए अंडरवर्ल्ड के लोगों को बड़े पदों पर बैठाया, आरोप लगाया कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से फडणवीस के अच्छे संबंध हैं।
नवाब मलिक ने कहा कि दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी रियाज भाटी को मुंबई हवाईअड्डे पर फर्जी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया गया। उन्हें 2 दिन में ही जमानत मिल गई थी। रियाज भाटी आपके (देवेंद्र फडणवीस) के निकट संपर्क में क्यों थे? तस्वीरों में भाटी कई बड़े नेताओं के साथ नजर आ चुके हैं।
नवाब मलिक का आरोप कि नागपुर के कुख्यात अपराधी मुन्ना यादव को उनकी सरकार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कंस्ट्रक्शन वर्कर्स बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था। बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास में शामिल हैदर आजम को फडणवीस ने मौलाना आजाद फाइनेंस कॉरपोरेशन का अध्यक्ष नियुक्त किया।
नवाब मलिक ने कहा कि मैं एक ऐसे शख्स के खिलाफ लड़ रहा हूं जो बेगुनाह लोगों को फर्जी मामलों में फंसा रहा है, देवेंद्र फडणवीस न केवल मेरे मुद्दे को मोड़ रहे हैं बल्कि एक अधिकारी (समीर वानखेड़े) का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं
मलिक का आरोप है कि फडणवीस के इशारे पर महाराष्ट्र में उगाही का काम हो रहा था चाहे वह मामला बिल्डर्स का हो या फिर झगड़े का, सब में उगाही की जाती थी।