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'असंसदीय शब्दों' के बाद संसद में अब धरना-प्रदर्शन पर रोक, राज्यसभा सचिवालय ने जारी किया आदेश     

Updated Jul 15, 2022 | 12:35 IST

राज्यसभा के महासचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 'संसद सदस्य संसद परिसर में किसी तरह का प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास नहीं कर सकते। सदस्यों का सहयोग अपेक्षित है।' जाहिर है कि इस पत्र के बाद विपक्ष सरकार पर फिर हमलावर होगा। 

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Ban on protests in Parliament: संसद के 'असंसदीय शब्दों' पर विपक्ष का सरकार पर हमला अभी शांत नहीं हुआ है कि विपक्षी दलों को आक्रामक होने के लिए एक और आदेश आ गया है। मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सांसद संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते। राज्यसभा के इस अधिकारी का यह पत्र कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शेयर किया है। कांग्रेस नेता तंज कसते हुए कहा है कि 'विशगुरु का ताजा फरमान-धरना मना है!'

राज्यसभा के महासचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 'संसद सदस्य संसद परिसर में किसी तरह का प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास नहीं कर सकते। सदस्यों का सहयोग अपेक्षित है।' जाहिर है कि इस पत्र के बाद विपक्ष सरकार पर फिर हमलावर होगा। 

लोकसभा सचिवालय असंसदीय शब्दों का नया संकलन तैयार किया है
 दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। लोकसभा एवं राज्यसभा में बहस के दौरान यदि इन शब्दों का इस्तेमाल यदि सांसद करेंगे तो उन्हें ‘असंसदीय’ माना जाएगा और उन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। सरकार के इस फैसले पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। 

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