- चंडीगढ़ कांग्रेस में कलह, संदीप भारद्वाज ने पवन बंसल के खिलाफ खोला मोर्चा
- पवन बंसल पर पार्टी को प्राइवेट कंपनी की तरह से चलाने का लगाया आरोप
- संदीप भारद्वाज ने राहुल गांधी को भेजा इस्तीफा
कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों मे कलह होना मानो आम बात हो चुकी है...औऱ इस दफा जो तस्वीर सामने आई वो चंडीगढ कांग्रेस से है । 40 साल से कांग्रेस के वफादार रहे प्रदेश कांग्रेस महासचिव संदीप भारद्वाज ने आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया...ना सिर्फ अपने इस्तीफे की पेशकश की है बल्कि साफ आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस को पवन बंसल ने प्राइवेट लिमिटेड बना दिया है...आरोप है कि पवन बंसल के दरबार में पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी औऱ खास कार्यकर्ताओ के काम किए जाते हैं।
कौन हैं पवन बंसल
यहां जरुरी है आपका ये जानना कि पवन बंसल कौन हैं...दरअसल पवन बंसल 4 बार चंडीगढ़ के सांसद रहे है...कांग्रेस सरकार मे वित्त राज्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री रेल मंत्री रहे है लेकिन भतीजे के ऊपर गंभीर आरोप लगने की वजह से उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था....मौजूदा वक्त में कांग्रेस की रीढ कहे जाने वाले अहमद पटेल के देहान्त के बाद उनकी जगह पवन बंसल ने ली...यानी गांधी परिवार के आंख-कान पवन बंसल हैं ....अब सवाल ये कि जिस पवन बंसल पर कांग्रेस आलाकमान इतना भरोसा करता है ..उन पर ऐसे आरोप क्यों ?
प्रदेश महासचिव संदीप भारद्वाज ने खोला मोर्चा
- पवन बंसल और मौजूदा अध्यक्ष पर आरोप लगाए
- पदाधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए
- पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप
- संदीप भारद्वाज ने कांग्रेस आलाकमान को इस्तीफा भेजा
- भारद्वाज गुट के आरोप निराधार: अध्यक्ष, चंडीगढ़ कांग्रेस
- 3 महीने बाद नगर निगम के चुनाव होने हैं
बंसल पर बरसे, संदीप भारद्वाज के आरोप
- पवन बंसल का रवैया तानाशाही
- चंडीगढ़ कांग्रेस को पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाया
- बंसल का नाम 2013 के रेल घोटाले में आया
- घोटाले की वजह से चंडीगढ़ में कांग्रेस की जडें कमजोर हुईं
- बंसल चाहते हैं सारे कार्यकर्ता गुलाम की तरह काम करें
- मैं बंसल जैसे नेता के अंदर काम नहीं करना चाहता
क्या कमजोर केंद्रीय नेतृत्व वजह
जानकार कहते हैं कि कांग्रेस के सामने यह सबसे बड़ी समस्या रही है जब केंद्रीय नेतृत्व कमजोर हुआ है तो क्षत्रपों ने भी सिर उठाना शुरू किया है। पंजाब में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी को दुनिया देख चुकी है, इसके साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कलह से जुड़ी जानकारियां सामने आती रहती हैं। इस तरह की हालात में चंडीगढ़ भी आलकमान के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाला है।