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Jahangirpuri Updates: जहांगीरपुरी में अब शांति लेकिन उठ रहे हैं कई सवाल, जानिए कैसे हुई हिंसा की शुरूआत

Updated Apr 17, 2022 | 07:08 IST

Jahangirpuri Violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा के बाद अब हालात काबू में हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पैरामिलिट्री तैनात है, पूरी रात भर जवान इलाके में ड्रोन से निगरानी कर रहे थे। साथ ही हिंसा के आरोपियों पर देर रात से ही एक्शन भी शुरु हो गया है।

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मुख्य बातें
  • दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हंगामा,शोभायात्रा के दौरान हुआ पथराव
  • शोभायात्रा के दौरान फेंके गए पत्थर ,कई पुल‍िसकर्मी भी घायल, मुकदमा दर्ज
  • जहांगीरपुरी हिंसा में- दंगा करने, ARMS एक्ट समेत कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज

Jahangirpuri Updates: दिल्ली के जहांगीर पुरी में शोभायात्रा निकाली गई थी। शोभायात्रा के दौरान कुछ लोगों ने भीड़ पर पत्थरबाजी शुरु कर दी। पत्थरबाजी के बाद हिंसा भड़क उठी। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसी भी हालात से निपटने के लिए भारी  संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है और ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। पुलिसकर्मी घर-घर जाकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे है। बताया जा रहा है कुशल सिनेमा हॉल के पास दो गुट आपस में भीड़ गए, झड़प के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई। हिंसा के बाद JNU के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है।

ऐसे शुरू हुई हिंसा

चश्मदीदों की मानें तो शोभा यात्रा के शुरु हुए सिर्फ चंद ही मिनट बीते थे कि दूसरे समुदाय के लोगों ने जुलूस पर पथराव शुरु कर दिया। एक तरफ से पथराव शुरु हुआ.. तो दूसरी तरफ के लोगों भी इसका जवाब देना शुरु कर दिया जिसके बाद हिंसा और ज्यादा भड़क गई लेकिन पुलिस को जैसे ही इसकी  सूचना मिली 2 पुलिस की गाड़ियों में आए पुलिसवालों ने दोनों पक्षों के लोगों को समझाना शुरु किया। पुलिस की दो गाड़ियां तो मौके पर पहुंच गईं लेकिन सैकड़ों की संख्या में हिंसा करने वाले लोगों को रोक पाना उनके लिए मुश्किल था। जिसके बाद और ज्यादा पुलिस बुलाई गई लेकिन तब तक पूरे इलाके में दंगाइयों ने गाड़ियों को निशाना बनाया, दुकानों में तोड़फोड़ की और आगजनी करते रहे।

ईंट, कांच और आगजनी की तस्वीरें

हालात अब कुछ काबू में आए लेकिन हिंसा में कई पुलिसवाले जख्मी हो चुके थे। घायल पुलिसकर्मियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा स्थिति अब काबू में है और पूरे इलाके में पुलिस का कड़ा पहरा है। वीडियो में सड़कों पर पड़े पत्थार, कांच की बोलतें और जली हुई स्कूटी इस बात का सबूत हैं कि कैसे शनिवार शाम होते होते देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा बेकाबू हो गई। इतनी बेकाबू कि उसको रोकने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स आई। हिंसा के बाद तुरंत पुलिस एक्शन में आई मामले की जांच के लिए 10 टीमें बना दी गईं। दंगा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

गृह मंत्री एक्शन में

जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने स्पेशल सीपी से बात की। शाह ने शांति व्यवस्था कायम करने के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए है। हिंसा की जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई है जिसमे स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के अधिकारी शामिल है लिस ने दंगा करने, सरकारी काम बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान करने समेत कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हिंसा में घायल पुलिस वालों के बयान दर्ज किए गए है। इसी बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने हिंसा की निंदा की है हिंसा के बाद हालात काबू में है।

दिल्ली के जहांगीरपुरी में 'हनुमान जयंती की शोभायात्रा' पर पथराव, कई पुलिसकर्मी हमले में हुए घायल

आज बीजेपी प्रतिनिधमंडल जाएगा जहांगीरपुरी

बीजेपी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली बीजेपी का प्रतिनिधि मंडल जहांगीरपुरी जाकर उस जगह जायजा लेगा जहां कल पथराव की घटना हुई। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इस बात की जानकारी दी।इस बीच सांसद मनोज तिवारी ने हनुमान जयंती के मौके पर हुई पत्थरबाजी की घटना को सोची समझी साजिश करार दिया है। वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से राजधानी में शांति व्यवस्था बनाए रखने की गुहार लगाई है।

जहांगीरपुरी हिंसा पर पूर्वी दिल्ली से BJP सांसद गौतम गंभीर ने कहा, 'शोभायात्रा पर हुआ पथराव बहुत ही दुखदायी है और ये दिल्ली की सोच और दिल्ली के कल्चर के खिलाफ है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।'

हिंसा के बाद उठे कई सवाल

 पूरे इलाके पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल करती हुई दिखी। पुलिस ने दंगे वाले इलाके से ईंटों और पत्थरों को साफ करवाया। दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा सवाल खड़े करती है उस सिस्टम पर जो देश में शांति और भाईचारे की बात करता है।हनुमान जयंती पर हुई ये हिंसा सबूत है इस बात का कि कैसे धर्म के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है।साथ ही सवाल पुलिस पर भी है। सवाल ये आखिर पुलिस को इस हिंसा के बारे में पहले से इंटेलिजेंस क्यों नहीं मिल पाई थी और अगर पुलिस के पास इस बात की जानकारी थी  तो पुलिस ने मौका रहते इसको रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए थे।

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