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Opinion India ka: महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से मौत चिंता की बड़ी वजह, संभलना जरूरी

Updated Aug 13, 2021 | 23:18 IST

महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट से तीन लोगों की मौत हो चुकी है, खास बात यह है कि इसमें से दो लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

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मुख्य बातें
  • डेल्टा प्लस का खतरा बढ़ा, महाराष्ट्र में मौत से चिंता बढ़ी
  • बाजार खुलने और अनलॉक होने की वजह से सतर्कता ज्यादा जरूरी
  • देश में अल्फा और डेल्टा में म्यूटेशन के बाद डेल्टा प्लस वैरिएंट

अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर ने देश में भारी तबाही मचाई। लेकिन अब एक बार फिर देश खुल चुका है...अधिकांश राज्यों में प्रतिबंध या तो हटा लिए हैं या बहुत मामूली प्रतिबंध लागू हैं। इस छूट के बीच कोरोना अब हमारे सामने कोरोनावायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट है।कोरोना की पहली लहर में वायरस का अल्फा वैरिएंट था।कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा ताकत के साथ डेल्टा वैरिएंट सामने आयाऔर अब डेल्टा वैरिएंट भी म्यूटेड होकर यानी ज्यादा ताकत के साथ अब डेल्टा प्लस का रूप लिए हुए है।

वैक्सीनेशन के बाद भी महाराष्ट्र में महिला की मौत
ये कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वैक्सीन के दो डोज लेने के बावजूद महाराष्ट्र में 63 साल की एक महिला की मौत हो गई। यानि अब महाराष्ट्र में कुल 5 मरीज डेल्टा वैरिएंट के शिकार हो गए हैं। महाराष्ट्र के 17 जिलों में इससे संक्रमित होने वाले मरीज मिलने लगे हैं। हम आपको डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में पूरी जानकारी देंगे। ज्यादा दिन नहीं बीते दो महीने पहने कोरोना की दूसरी लहर की तबाही ने लाखों परिवारों को बेहाल कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक दूसरी लहर के लिए वायरस का डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार था...लेकिन अब यही वैरिएंट म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस हो गया है- यानि पहले से ज्यादा मजबूत एक्सपर्ट के मुताबिक नए वेरिएंट में K417N म्यूटेशन पाया गया।

अल्फा वैरिएंट के मुकाबले 35 से 36 फीसद अधिक रफ्तार
ये अल्फा वैरिएंट के मुकाबले 35-60% ज्यादा तेजी से फैलता है।डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है। नए वेरिएंट संक्रमण की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। यही वजह है कि इसे संभावित तीसरी लहर का जिम्मेदार माना जा रहा है। अगर ये वैरिएंट ज्यादा तेजी से फैलने वाला और ज्यादा खतरनाक निकला तो महामारी के फिर से जोर पकड़ने का खतरा बढ़ सकता है।

लापरवाही की डोज ज्यादा खतरनाक
ये खतरा तब और बढ़ जाता है जब हम वैक्सीन की डोज की जगह लापरवाही की डोज लेने लगते हैं। पूरे देश से लापरवाही की तस्वीरें अब आम हैं।लोग मास्क नहीं लगाते, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते, वैक्सीन से दूर भागते हैं। यानि हम खुद तीसरी लहर को न्योता दे रहे हैं। ये खतरा अब और बढ़ गया है।

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