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Parakram Diwas: 'एलएसी से एलओसी तक भारत के अवतार को दुनिया देख रही है'

Updated Jan 23, 2021 | 17:54 IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर कोलकाता में हलचल है। टीएमसी ने जहां देशनायक के तौर पर उन्हें याद किया वहीं केंद्र सरकार पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है।

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मुख्य बातें
  • सुभाष चंद्र बोस की जयंती को बीजेपी पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है
  • टीएमसी मे देश नायक दिवस के तौर पर नेता जी को याद किया, ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय छुट्टी का दर्जा देने की अपील की
  • सुभाष बाबू की जयंती को कांग्रेस देश प्रेम दिवस के तौर पर मना रही है।

कोलकाता। पूरा देश नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 125 जन्म जयंती मना रहा है और कोलकाता सरगर्मी का केंद्र बना हुआ है। कोलकाता में टीएमसी ने देशनायक दिवस के तौर पर सड़कों पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया तो दूसरी तरफ बीजेपी पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी इस खास मौके पर कोलकाता में हैं और नेताजी भवन गए उसके बाद नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया।

इस मौके पर कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी आगवानी की। पीएम नरेंद्र मोदी ने नेताजी भवन के सभी हिस्सों को देखा और जानकारी ली। नेता जी भवन और नेशनल लाइब्रेरी के बाद पीएम मोदी इस समय विक्टोरिया मेमोरियल में हैं , खास बात यह है कि उनके साथ सीएम ममता बनर्जी भी मौजूद हैं।

पीएम मोदी के भाषण के कुछ खास अंश

  1. नेताजी सुभाष, आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जो भूमिका नेताजी ने देश की आज़ादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है। आत्मनिर्भर भारत का नेतृत्व आत्मनिर्भर बंगाल और सोनार बांग्ला को भी करना है।
  2. नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।
  3. आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा: क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है।
  4. ये मेरा सौभाग्य है कि 2018 में हमने अंडमान के द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा। देश की भावना को समझते हुए, नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी ही सरकार ने सार्वजनिक कीं। ये हमारी ही सरकार का सौभाग्य रहा जो 26 जनवरी की परेड के दौरान INA Veterans परेड में शामिल हुए।
  5. नेता जी ने अपने उस वादे को निभा कर दिखाया जिसमें कहा था कि वो भारत की जमीन पर सरकार गठन करेंगे। अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर भारत का तिरंगा फहराया। 
  6. हावड़ा से चलने वाली कालका मेल का नाम नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया है। नेता जी के जन्म दिवस को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। 
  7. आज भारत के आत्मगौरव का जन्म हुआ। आज के दिन गुलामी के अंधेरे में चेतना फूटी थी।बंगाल की धरती ने राष्ट्रगीत को जन्म दिया। कोलकाता नेताजी की कर्मभूमि रही है। नेता जी ने झांसी की रानी रेजीमेंट बनाई। नेता जी ने दिखा दिया कि जिस सत्ता का सूरज अस्त नहीं होत। भारत के सपूत उसे भी परास्त कर सकते हैं। 
  8. बचपन से जब भी मैंने ये नाम सुना किसी भी परिस्थित में रहा यह नाम सुनकर ऊर्जा से भर गया। इतना विराट व्यक्तित्व और दूरदृष्टी की उसे देखने के लिए कई जन्म लेने पड़ेंगे। वो उस मां को जिन्होंने नेताजी का जन्म दिया। 
  9. नेता जी की व्याख्या के लिए शब्दों की कमी पड़ जाती है। उनके विराट व्यक्तित्व के आगे शब्द भी छोटे पड़ जाते हैं। 

लेटर्स ऑफ नेताजी का पीएम मोदी ने लोकार्पण किया। 

विक्टोरिया मेमोरियल में रंगारंग कार्यक्रम

नेता जी की जयंती पर पर विक्टोरिया मेमोरियल में रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति हो रही है। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ सीएम ममता बनर्जी मौजूद हैं। कार्यक्रम में नेता जी के लिखे गीतों को एक बार फिर आवाज मिली। इसके साथ ही बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को भी पेश किया गया। 

नेताजी भवन का पीएम मोदी ने लिया जायजा
इस समय पीएम मोदी नेताजी भवन में ही मौजूद हैं। बता दें कि यह भवन भवानीपुर विधानसभा के अंतर्गत आता है और इसे सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है। बता दें कि पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले सीएम ममता बनर्जी ने करीब 8 किमी की पदयात्रा की और कई बड़ी मांगे की। उन्होंने कहा कि नेताजी को सिर्फ शब्दों के जरिए याद नहीं करना चाहिए। उसके लिए ठोस एक्शन प्लान होना चाहिए। 


कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी पहुंचे पीएम

नेताजी भवन का जायजा लेने के बाद पीएम कोलकाता नेशनल लाइब्रेरी पहुंचे और सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी। नेशनल लाइब्रेरी को बड़ी ही नजदीकी से पीएम ने देखा और उन लम्हों को याद किया जिसकी वजह से देश की आजादी की लड़ाई में नेताजी ने ना सिर्फ अपने पराक्रम से योगदान किया था, बल्कि साहित्य के जरिए लोगों में भी जोश भरा। 

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