- 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का देश के नाम संबोधन
- देश के सामने चुनौतियों का किया जिक्र और उससे निपटने पर दिया जोर
- देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए सभी विचारों का समन्वय और सम्मान जरूरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को बदाई देते हुए कहा कि इन 75 वर्षों में देश ने हर क्षेत्रों में प्रगति की है। लेकिन उसके साथ ही कई तरह की चुनौतियां भी हैं। आज हमें विकास के रास्ते पर चलते हुए उन बाधाओं को भी पार पाना है जो देश के विकास में बाधक हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एक ऐसे समाज का निर्माण हो जिसमें कटुता का भाव ना हो। भारत जैसे विविधता वाले देश में हर एक के नजरिए को सम्मान देकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।
कोरोना के खिलाफ खतरा टला नहीं है
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। लेकिन जिस तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई है वो काबिलेतारीफ है, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह से भारत ने वैश्विक तौर पर अपना योगदान दिया है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि हमने कुछ खास मानदंडों को स्थापित किया है। इसके साथ ही देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हुई है 50 करोड़ डोज का लगना उसका उदाहरण है।यह तथ्य संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें।हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।हालांकि महामारी की तीव्रता में कमी आई है लेकिन कोरोना-वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है। हर तरह के जोखिम उठाते हुए, हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र में कामयाबी संतोषजनक
एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किए गए अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी।जब ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर भी पड़ता है।मुझे इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में - विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में - बढ़ोतरी जारी रही है।
जलवायु के मुद्दे पर भारत प्रतिबद्ध
हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने, न केवल पेरिस जलवायु समझौते का पालन किया है, बल्कि जलवायु की रक्षा के लिए तय की गई प्रतिबद्धता से भी अधिक योगदान कर रहा है।सरकार ने इस विशेष वर्ष को स्मरणीय बनाने के लिए कई योजनाओं का शुभारम्भ किया है। ‘गगनयान मिशन’ उन अभियानों में विशेष महत्व रखता है।
संसद के नए भवन का जिक्र
हमारा लोकतन्त्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतन्त्र का मंदिर है। यह सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर निकट भविष्य में ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है।हमारा लोकतन्त्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतन्त्र का मंदिर है। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन के उदघाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिन्दु माना जाएगा।
जम्मू-कश्मीर का खास जिक्र
अब जम्मू-कश्मीर में नव-जागरण दिखाई दे रहा है। सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है।मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं।