हाथ जोड़कर श्रद्धा में लीन ये तस्वीरें किसी मंदिर या सत्संग की नहीं है। बल्कि यह तस्वीर गाजियाबाद के डासना जेल की है, जहां हर सुबह और शाम कैदी गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कैदियों के व्यवहार में सुधार, उनकी मानसिक शांति और उनके जीवन से अवसाद को दूर करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की जेलों में यह पहल शुरू करवाई है।
समाज में अलग-अलग स्थितियों में अपराध करके ये कैदी जेल बंदी गृह में अपनी सजा काट रहे हैं। कोई हत्या के मामले में सजायाफ्ता है, तो कोई अन्य गंभीर अपराध में। लेकिन यूपी सरकार की इस पहल ने इनके जीवन में शिक्षा की लौ जलाई है। सरकार की इस पहल के पीछे मकसद साफ है कि जब ये कैदी अपनी सजा काट कर जेल से बाहर निकलेंगे तब एक आम नागरिक की तरह सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।
जब से जेल में गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू हुआ है उसके बाद से इन कैदियों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। डासना जेल में 11 साल से हत्या की सजा काट रहे मांगेराम का कहना है कि पहले वो काफी परेशान रहते थे। हमेशा घर और बच्चों की चिंता लगी रहती थी। ऐसी ही कहानी ऋषि प्रधान और अनीस की है। ऋषि प्रधान को पहले अकेले बैरक में रखा जाता था लेकिन मंत्रोच्चारण के बाद उनके व्यवहार में बदलाव देखा जा रहा है और वो ज्यादा से ज्यादा वक्त अध्यात्म और कीर्तन में बिता रहे हैं।
धार्मिक सद्भावना की तस्वीर भी इस जेल के अंदर देखने को मिली। जब अनीस नाम के एक मुस्लिम युवक हर रोज इस कीर्तन में शामिल हो कर गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है। कैदियों को सुधारने की इस पहल में जेल प्रशासन भी अपनी पूरी साझेदारी निभा रहा है। जेल सुपरिटेंडेंट आलोक सिंह का कहना है कि इस पहल से कैदियों के विचार और उनके व्यवहार को सुधारने में काफी मिलेगी। जिसका असर कैदियों के सोच में दिखने लगा है। इससे लाभ यह होगा कि जब ये कैदी अपनी सजा काट कर रिहा होंगे तब इन्हें समाज के मुख्य धारा में जुड़ने में मदद मिलेगी।
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