- बॉलीवुड ऐक्ट्रेस कंगना रनौत और शिवसेना के बीच चल रहे विवाद में कूदे चंपत राय
- राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने खुलकर किया उद्धव ठाकरे का समर्थन
- किसकी मां ने दूध पिलाया जो अयोध्या में उन्हें घुसने से रोक सके- चंपत राय
अयोध्या: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच चल रहे विवाद के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव तथा विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय खुलकर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के समर्थन में आ गए हैं। कुछ दिन पहले जब बीएमसी ने कंगना के दफ्तर पर जेसीबी चलाई थी तो अयोध्या के साधु संतों ने इसका विरोध किया था। हनुमानगढ़ी समेत कई मंदिरों के साधु-संतों ने अयोध्या में उद्धव ठाकरे को घुसने से रोकने और विरोध करने का ऐलान किया। अब चंपत राय ने खुलकर उद्धव का समर्थन किया है।
चंपत राय ने किया उद्धव का समर्थन
मीडिया से बात करते हुए चंपत राय ने कहा, 'किसी ने कह दिया उद्धव ठाकरे को अयोध्या नहीं आने देंगे। है किसी की मां ने दूध पिलाया है जो अयोध्या में उद्धव ठाकरे का सामना करेगा। समझते हो आप.. राजस्थान में एक गीत है कि किसी की मां ने जीरा खाया है जो गंगा को रोक सके। तो यहां अयोध्या में कौन है जिसका मां ने इतना जीरा खाया है कि उसकी ऐसी संतान पैदा हुई जो उद्धव ठाकरे को यहां घुसने से रोक दे। ये बेकार की बातें हैं, निरर्थक बातें हैं। ये झगड़ा, ये बात बोलना किसी प्रकार उचित नहीं है।'
हो सकते हैं साधु संतों के दो गुट
चंपत राय का बयान सामने आने के बाद एक बार फिर से अयोध्या में साधु संतों के बीच तलवारें खींच सकती है और इससे वो दो खेमों में बंट सकते हैं। हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने रानौत के कार्यालय को बीएमसी द्वारा ध्वस्त किए जाने को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था, 'उद्धव ठाकरे और शिवसेना का अयोध्या में कोई स्वागत नहीं है। अब अगर वह यहां आते हैं, तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अयोध्या के संतों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।'
साधु संतों ने उद्धव सरकार पर लगाया था आरोप
अयोध्या संत समाज के प्रमुख महंत कन्हैया दास ने तब महाराष्ट्र सरकार पर उन लोगों को बचाने का भी आरोप लगाया, जो असामाजिक गतिविधियों में शामिल हैं और उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अयोध्या न आने की चेतावनी दी। महंत कन्हैया दास ने कहा, 'अब अयोध्या में उद्धव ठाकरे का स्वागत नहीं है। शिवसेना रनौत पर हमला क्यों कर रही है? हर कोई समझ सकता है। यह कोई रहस्य नहीं है। शिवसेना वह नहीं रही, जो कभी बालासाहेब ठाकरे के अधीन हुआ करती थी।'