'सवाल पब्लिक का' में बात हुई जावेद अख्तर के एक बयान की, जिस पर बवाल मचा हुआ है। जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू के दौरान अजीबोगरीब बयान दिया। अख्तर साहब ने अपने बयान में तालिबान की तुलना RSS से की। जावेद अख्तर ने कहा RSS समर्थकों की मानसिकता तालिबानियों जैसी है? उन्होंने यहां तक कहा कि RSS और तालिबान में कोई खास अंतर है नहीं नहीं। लेकिन कैसे अख्तर साहब? इस पूरे मामले पर घमासान कल से छिड़ा हुआ है। बीजेपी वाले जावेद अख्तर के पोस्टर पर कालिख पोत रहे, जूते बरसा रहे। माफी मांगने और बयान वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस बीच आज दो बातें इस मामले में नई हो गई। पहली ये कि कांग्रेस जावेद अख्तर के सपोर्ट में आ गई। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने ही खुलकर बयान दिया। वहीं शिवसेना ने जावेद अख्तर को सामना में कैसे लताड़ा।
सामना में क्या लिखा गया?
संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है। RSS की तुलना तालिबान से करने की जरूरत नहीं है। ऐसे बयान पर जावेद अख्तर को आत्मपरीक्षण की जरूरत है।
सवाल पब्लिक का
- कांग्रेस को 'जावेद अख्तर का तालिबान' क्यों पसंद आया?
- जावेद अख्तर RSS की तुलना किस आधार पर तालिबान से कर रहे हैं?
- क्या शिवसेना जावेद अख्तर से माफी की मांग करेगी या बयान की आलोचना कर बैठ जाएगी?
तालिबान पर नसीरुद्दीन शाह का बयान
- तालिबान का वापस आना दुनिया के लिए चिंता की बात
- हिंदुस्तानी मुसलमानों का तालिबान के लिए जश्न मनाना खतरनाक
- हिदुस्तानी मुसलमानों को सोचने की जरूरत
- आधुनिकता चाहिए या वहशीपन
- हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है
- खुदा ना करे कि वो दिन आए कि हम उसे पहचान भी ना पाएं
जावेद अख्तर ने क्या कहा?
- 'RSS समर्थकों की मानसिकता तालिबानियों जैसी'
- 'RSS समर्थकों को आत्मपरीक्षण की जरूरत'
- 'RSS जमीन मजबूत कर टारगेट की ओर बढ़ रहे'
- 'तालिबान और RSS की मानसिकता एक जैसी'
- 'RSS, VHP की विचारधारा 1930 के नाजी जैसी'
राकेश सिन्हा का जवाब
'अख्तर अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं'
'इनकी सोच ही तालिबानी'
'तालिबान को वैधानिकता देने के लिए ऐसी तुलना की'
'हिंदुस्तान को दो भाग में बांटने की कोशिश'
'हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा दिया'
'तालिबान के लिए जड़ जमीन स्थापित करने की कोशिश'
अख्तर को कांग्रेस का समर्थन
- 'काले कृषि कानूनों के विरोध पर किसानों पर लाठीचार्ज'
- 'किसानों पर आतंकवादी होने का आरोप लगाया जाता है'
- 'RSS इन सभी बातों का समर्थन करती है'
- 'जावेद अख्तर ने इसी आधार पर बयान दिया'
- 'इसमें जावेद अख्तर की क्या गलती?'