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Sawal Public Ka: क्या अब PFI के खिलाफ इतने सबूत हो गए हैं कि उस पर बैन लगाया जा सकता है?

Updated Sep 23, 2022 | 21:44 IST

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के खिलाफ NIA और ED के सबसे बड़े एक्शन का असर शुरू हो गया है। सवाल पब्लिक का यह है कि क्या PFI के खिलाफ मिले सबूतों से भारत तोड़ो प्लान रचने वाले बौखला गए हैं ? और क्या अब PFI के खिलाफ इतने सबूत हो गए हैं कि उस पर बैन लगाया जा सकता है ?

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मुख्य बातें
  • PFI के देशतोड़ो प्लान के सबूत मिल गए हैं?
  • केरल में PFI की लगायी आग कब बुझेगी?
  • PFI के कट्टरपंथ को कवरफायर क्यों?

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के खिलाफ NIA और ED के सबसे बड़े एक्शन का असर शुरू हो गया है। एक ओर केरल में बंद के नाम पर PFI की हिंसा से उसकी बौखलाहट सामने आ गई है, तो दूसरी ओर गिरफ्तार हुए PFI के टेरर मैनेजर्स की सच्चाई अदालतों में सामने आने लगी है। दिल्ली PFI का अध्यक्ष मोहम्मद परवेज NIA की कस्टडी में है। आज ED ने भी दिल्ली की एक कोर्ट में दाखिल रिमांड नोट में दावा किया कि परवेज सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रहा था। वो मुस्लिम युवकों को Radicalise कर ISIS जैसे संगठनों के लिए आतंकी तैयार कर रहा था।

केरल की एरनाकुलम कोर्ट में NIA ने भी अपने रिमांड नोट में साफ कहा कि PFI के एजुकेशन विंग का नेशनल इंचार्ज अशरफ मौलवी भारत में इस्लामिक राज्य की साजिश रच रहा था। PFI का कच्चा-चिट्ठा अदालतों के सामने रखा जा रहा है, इसके बावजूद PFI की वकालत करने वालों की देश में कमी नहीं है। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि PFI तो वैसी ही पार्टी है जैसे कोई और राजनीतिक दल। क्या PFI के खिलाफ मिले सबूतों से भारत तोड़ो प्लान रचने वाले बौखला गए हैं ? और क्या अब PFI के खिलाफ इतने सबूत हो गए हैं कि उस पर बैन लगाया जा सकता है ? आज सवाल पब्लिक का यही है।

PFI ने केरल से अपने जेहादी नेटवर्क को पूरे देश में फैलाया। कल के क्रैकडाउन के बाद PFI ने आज वहां अपना आतंक फैला दिया । बंद के नाम पर पूरे केरल को हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश की गई। आज केरल राज्य ट्रांसपोर्ट की बसों में जमकर तोड़फोड़ की गई। केरल हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने कहा है कि आज सुबह 6 बजे से 71 KSRTC बसों को निशाना बनाया गया। इसमें 11 KSRTC कर्मचारी घायल हुए। 197 PFI के उपद्रवियों को केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। PFI के उपद्रवी कैसे बेकाबू हो रहे थे, इसकी गवाही उडुपी से आई ये तस्वीरें दे रही हैं। पुलिस और PFI के प्रदर्शकारियों के बीच जमकर झड़प हुई।

पुलिस को उन्हें काबू में करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उडुपी पुलिस ने हालात बिगाड़ने की कोशिशों में जुटे 11 PFI सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज की है। PFI ने हिंसक प्रदर्शनों के जरिये अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की। लेकिन PFI का असली निशाना तो RSS है। केरल में कन्नूर जिले के मटनूर में आज दोपहर RSS के दफ्तर पर पेट्रोल बमों से हमला हुआ। RSS दफ्तर पर पेट्रोल बम फेंकने वाले दोनों संदिग्धों की हरकत CCTV में रिकॉर्ड हो गई है। बाइक सवार 2 युवक RSS दफ्तर पर रुकते हैं और उनमें से एक बाइक से उतरकर पेट्रोल बम फेंकता हुआ साफ देखा जा सकता है।

उधर केरल पुलिस के मुताबिक PFI के पास उत्तर केरल के हर एक RSS और BJP सदस्य का पूरा ब्योरा मौजूद है। उनके घरों के मैप, उनके स्केच, फोटोग्राफ तक की जानकारी PFI को है। सिर्फ 24 घंटे की नोटिस पर PFI वहां RSS के नेताओं पर हमला कर  सकता है। सुनिए केरल पुलिस के अधिकारी का ये बयान।

2010 में ही केरल के उस समय के मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने कहा था कि PFI अगले 20 साल में केरल को मुस्लिम राज्य बनाना चाहती है। इसी जुलाई में बिहार पुलिस ने दावा किया था कि PFI का 'प्लान 2047' सामने आया है। PFI के बरामद दस्तावेजों के आधार पर बिहार पुलिस ने कहा था कि भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के 4 स्टेज तय किए गए हैं। पिछले 1 दशक में PFI के ऐसे सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है जिनके संबंध लश्कर, अलकायदा, हमास और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों से रहे हैं।

मैंने आपको पहले ही बताया कि NIA और ED कल की रेड्स के बाद गिरफ्तार PFI सदस्यों के देशविरोधी गतिविधियों का ब्योरा अदालतों में रख रही हैं। कोर्ट्स में NIA और ED के रिमांड नोट्स से साफ है कि PFI के गिरफ्तार सदस्यों का क्राइम भले अलग-अलग हो, लेकिन सब एक ही एजेंडे के साथ काम कर रहे थे। और वो एजेंडा था देश को बांटने का। मुसलमानों के नाम पर हिंदुओं के खिलाफ हेट क्राइम का। लेकिन जिस PFI पर इतने संगीन आरोप हों, उसको बचाने की कोशिश समाजवादी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने की है। आप उनका ये बयान सुनिए।

PFI की देशविरोधी गतिविधियों पर NIA और ED एक्शन ले रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद PFI के खिलाफ हुई रेड्स को मॉनीटर किया था लेकिन PFI एक सोच है जिसे राष्ट्रवादी सोच की मजबूती ही हरा सकती है। पिछड़े मुसलमानों के संगठन, ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन ने PFI के क्रैकडाउन का स्वागत किया है। पसमांदा समाज के बयान में कहा गया कि PFI की गतिविधियां देश और मुस्लिम समाज के लिए खतरनाक है। RSS ने भी कहा है कि PFI के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़नी होगी।

सवाल पब्लिक का

1. क्या PFI के टेरर मैनेजर्स के बाद आज हिंसा कराने वाले अंडरग्राउंड वर्कर्स पर शिकंजा कसेगा? 
2. क्या PFI के खिलाफ बैन लगाने का होमवर्क तैयार हो गया है?
3. क्या PFI को कवरफायर देने वाले नेता, हिंदुओं के खिलाफ हेट क्राइम को शह दे रहे हैं? 

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