- एसपी सांसद शफीकुर रहमान बर्क पर देशद्रोह का केस दर्ज, अब बदले सुर
- तालिबान की तारीफ पर संभल पुलिस की कार्रवाई
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलान सज्जाद नोमानी ने भी तालिबान की तारीफ की
यूपी के संभल से एसपी सांसद शफीकुर रहमान बर्क विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। मंगलवार को उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबानी हुकुमत का स्वागत किया जिसकी तपीश का सामना उन्हें बुधवार को हुआ। यूपी पुलिस ने उनके बयान के आधार पर देशद्रोह का केस दर्ज किया और इसे लेकर सियासत भी गरमा गई है। लेकिन अब उनके सुर बदल गए हैं।
केस दर्ज होने के बाद बर्क के बदले सुर
शफीकुर रहमान बर्क पर केस दर्ज होने के बाद उन्होंने सफाई भी दी है। बर्क कहते हैं कि तालिबान के समर्थन या भारत की आजादी की लड़ाई से तालिबान को नहीं जोड़ा, उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। वो भारक के नागरिक हैं, अफगानिस्तान के नहीं, लिहाजा उनका इस बात से लेना देना नहीं कि अफगानिस्तन में क्या हो रहा है, वो सरकार की नीति का समर्थन करते हैं।
शफीकुर रहमान बर्क का ये था बयान
दरअसल शफीकुर रहमान ने कहा था कि जिस तरह से भारत में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ हमारे पूर्वजों ने लड़ाई लड़कर आजादी हासिल की ठीक वैसे ही तालिबानी लड़ाकों ने लड़ाई लड़ी। अफगानिस्तान एक तरह से आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि तालिबानी लड़ाकों या सरकार की सिर्फ खामियों को नहीं देखा जाना चाहिए। उनके इस बयान पर सियासी गरमी मंगलवार को पैदा हो चुकी थी। इन सबके बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना सज्जाद नोमानी ने भी तालिबान सरकार को बधाई दी है।
बर्क के बयान पर बीजेपी और एसपी आमने सामने
बर्क के बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि उनका बयान निजी है, पार्टी से लेना देना नहीं है। लेकिन दूसरी तरफ अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला भी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये तो बीजेपी की परिपाटी बन चुकी है जो बयान उनके माकूल ना हो उसे देशद्रोही साबित कर दो। समाजवादी की इस प्रतिक्रिया पर बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि आप समाजवादी पार्टी के नेताओं या सांसदों से इसी तरह के बयानों की उम्मीद कर सकते हैं। जब उनके अटपटे बयानों पर कार्रवाई होती है तो उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में महसूस होने लगती है।