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गरीब के खाने पर टैक्स लगा दिया, क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ठीक नहीं, केजरीवाल ने पूछा- कहां जा रहा है सारा पैसा?

Updated Aug 11, 2022 | 17:00 IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह से लोगों के लिए मुफ्त योजनाओं का विरोध कर रही है, उससे ऐसा लगता है कि उसकी आर्थिक हालत गंभीर है। केंद्र सरकार ने 'मित्रों' का कर्ज माफ किया, धनी लोगों के 5 लाख करोड़ रुपये के टैक्स माफ किए।

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि यह देश के इतिहास में पहली बार है कि केंद्र ने उनकी अग्निपथ योजना को सही ठहराते हुए कहा कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उन्हें अब आर्मी के जवानों को पेंशन नहीं देनी पड़े। उन्होंने पूछा कि कहां जा रहा है केंद्र सरकार का सारा पैसा? वे इस सरकारी पैसे से अपने दोस्तों का कर्ज माफ कर रहे हैं। उन्होंने अपने अरबपति दोस्तों के टैक्स भी माफ कर दिए हैं।  

उन्होंने कहा कि गेहूं पर टैक्स लगा दिया, चावल पर टैक्स लगा दिया। गुड़ पर टैक्स लगा दिया। शहद पर टैक्स लगा दिया। छाछ पर टैक्स लगा दिया, लस्सी पर टैक्स लगा दिया। दही पर टैक्स लगा दिया। पनीर पर टैक्स लगा दिया। ऐसी क्या हालत हो गई केंद्र सरकार की कि गरीब से गरीब आदमी के खाने पर टैक्स लगाने की नौतब आ गई। ऐसा 75 साल में कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में कभी भी सरकार ने बुनियादी खाद्यान्न पर टैक्स नहीं लगाया। 

 केजरीवाल ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर इतना टैक्स लगा दिया गया है कि हर रोज 1000 करोड़ रुपए से अधिक आमदनी होती है। पेट्रोल डीजल से केंद्र सरकार को साल में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए की आमदनी होती है। कहां गया ये सारा पैसा। अब कह रहे हैं जनता को सारी सुविधाएं फ्री में मिली हैं बंद होनी चाहिए। सारे सरकारी स्कूल या तो बंद किए जाएं या सारे सरकारी स्कूलों में बच्चों से फीस ली जाएं। ऐसा वे कहते हैं। वे अब कह रहे हैं कि सरकार की सभी मुफ्त चीजें खत्म होनी चाहिए, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों में फीस ली जानी चाहिए। वे कह रहे हैं कि मुफ्त राशन बंद होना चाहिए।

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