- निर्भया के दोषियों को सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में दी गई फांसी
- फांसी दिये जाने से पहले रोता रहा विनय शर्मा, मांगी माफी और एक बार फिर वकील से मिलने की मांग की
- निर्भया का परिवार बोला, अंत में सत्य की जीत हुई
नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को सजा दी जा चुकी है। अब वो इस दुनिया में नहीं हैं। तिहाड़ जेल में सुबह 5.30 बजे पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह को फांसी दे दी गई। लेकिन फांसी की प्रक्रिया से ठीक 45 मिनट पहले क्या क्या हुआ उसे हम आपको बताएंगे। बीती रात जब दिल्ली हाईकोर्ट में जैसे जैसे कार्यवाही आगे बढ़ रही थी, तिहाड़ में दोषियों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही थी। वो बार बार जेल के अधिकारियों से पूछ रहे थे कि क्या कोई आदेश आया है। जवाब में ना मिलने पर दोषी गुमशुम हो जाते थे।
फांसी से ठीक 45 मिनट पहले क्या हुआ
सुबह के करीब पौने पांच बजे तिहाड़ जेल के अधिकारी पवन, अक्षय, विनय और मुकेश की सेल में दाखिल हुए। विनय वो शख्स था जो बुरी तरह रोने लगा, जबकि दूसरों के चेहरे पर तनावभरी शांति थी। चारों दोषी रातभर सो नहीं सके थे। चारों को उनके मौत के परवाने को दिखाया गया। उसके बाद अंतिम दफा मेडिकल टेस्ट किया गया। उसके बाद जेल नंबर तीन के अंदर बने फांसी कोठी में ले जाया गया। उस दौरान एक दोषी जमीन पर लेट गया तो दूसरा रहम की भीख मांगने लगा। लेकिन फांसी की प्रक्रिया को पूरी करने ते लिए जबरन वो दोषी तख्ते पर लाए गए, ठीक साढ़े पांच बजे जेल अधिकारी के इशारे के बाद जल्लाद पवन ने लीवर खींचा और सभी दोषी 12 फीट गहरे कुएं में लटक गए।
अंतिम फैसले के बाद ऐसे बीती दोषियों की रात
दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जब साफ कर दिया कि ऐसी कोई वजह नहीं है जिसके आधार पर फांसी को रोका जाए तो यह साफ हो गया कि अब दोषियों के सामने फांसी पर लटकने के सिवाए और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। फांसी से करीब 8 घंटे पहले मुकेश और विनय ने डिनर किया। लेकिन पवन और अक्षय ने खाना खाने से इंकार कर दिया। अपने अपने सेल में सभी दोषी करवटें बदलते रहें। आंखों में नींद नहीं, चेहरे पर तनाव और दिमाग में कई तरह की उलझनें थीं। करीब चार बजे सभी दोषियों को उनके सेल में जगाया गया और नहाने के लिए कहा गया। लेकिन दो ने नहाने से इंकार कर दिया।